25 May 2019

WISDOM ---- विश्वास एक आध्यात्मिक शक्ति है ---- पं. श्रीराम शर्मा आचार्य

 आचार्य जी  ने  लिखा  है --- ' विश्वास  से  विश्वास  पैदा  होता  है , किन्तु  अविश्वास  से   अविश्वास  का  ही  वातावरण  फैलता  है  l '
 औरंगजेब  मुग़ल वंश    का  अंतिम  प्रभावशाली  सम्राट  हुआ  l वह  अपने  भाइयों  में  सबसे  छोटा   था , जो  कभी  शहंशाह  न  बनता  , किन्तु  बुद्धि  में  वह  सबसे  चतुर  था  l उसने  अपने  पिता  को  छल - बल  से  जेलखाने  में  डाला  और  एक - एक  कर  के  सब  भाइयों  की  हत्या  कर  दी   l  धोखा , झूठ , कपट , फरेब , हत्या  -- जो  कुछ  भी  संभव  था  , वह  उसने  काम  में  लिया  और  भारत  का  सम्राट  हुआ  और  दीर्घकाल  तक  राज्य  किया  l  वह  हिन्दू , मुसलमान  किसी  का  प्यारा  न  बन  सका  l  वह   भारत  का  सम्राट  था , संसार  के  समस्त  वैभव , सुख - सुविधाएँ  उसे  प्राप्त  थीं   लेकिन  वह  मानसिक  रूप  से  बेहद  अशान्त  था                             उसके  मन  में  सबके  प्रति  घोर  अविश्वास  था   l  वह  अनेकों  को  मारकर  या  सताकर  शहंशाह  बना  था   l  इसलिए  सभी  को  अपने  शत्रु  रूप  में  देखता  था  l  खाने - पीने  में  उसे  अपने  रसोइये  पे  विश्वास  न  था  l  उसे  सदा  डर  था  कि  कोई  उसे  जहर  न  दे  दे   l  उसे  अपने  सैनिकों , फौज  के  अफसर , कार्यकर्ताओं , पुत्र - पुत्रियों  किसी  पर  विश्वास  न  था   l  वह  सभी  को  धोखेबाज , मक्कार , बेईमान , झूठे , फरेबी   समझता  था   l  उसके  शासनकाल  में  अविश्वास   का  यह  विषैला  जहर  पुरे  भारत  में  विस्तृत  होकर  फैल  गया  l   वह  दमन  से  काम  लेता  था  , इसलिए   लोग  उससे  घ्रणा  करते    थे  l  उसे  यही  डर  रहता  था  कि   न  जाने  किस  ओर  से   उसके  प्रति  विद्वेष  और  कटुता  का  ज्वालामुखी  फूट  पड़े   l  यह  अविश्वास  ही  अंततः  विशाल  मुगल  साम्राज्य  के  पतन  का  कारण  बना  l
 अविश्वास  के  कारण    घर , परिवार , समाज , राष्ट्र  --- सम्पूर्ण  वातावरण  अस्वस्थ  विचारों  से  बोझिल  हो  जाता  है   और  हर  व्यक्ति  दूसरे  से  डरता  है   l