4 March 2023

WISDOM -----

    शेख  सादी  बड़े  मशहूर  शायर  थे  ,  पर  साथ  ही  बड़े  स्वाभिमानी   और  सादगीपरस्त   इनसान  थे  l  उनसे  मिलने  बड़े  नामी -गिरामी  लोग  आया  करते  थे   l  एक  बार  सल्तनत  के  बादशाह   उनकी  शायरी  सुनने  आए   और  अपने  साथ   एक  हीरा  लाए   l  वे  हीरे  को  शेख  सादी   को  देते  हुए  बोले  ----- " आप  ये  तोहफा  कबूल  कर  लें  l  इसको  बेचकर  जो  कीमत  मिलेगी  ,  उसमें  आपका  गुजारा  आराम  से  हो  जायेगा  l "   शेख  सादी  बोले  ---- " सुल्तान  !  पैसे  से  किसी  को  आराम  नहीं  मिलता  ,  उलटे  इससे   आदमी  की  सोच  में  बेईमानी  और  मक्कारी  ही  जन्म  लेती  है   l  '  यह  कहकर   उन्होंने  हीरा  बादशाह  के  साथ  आए  जुलूस  के  बीच  फेंक  दिया  l  उसे  झपटने  के  लिए   लोगों  में  मार -पीट   शुरू  हो  गई  l   यह  देखकर  बादशाह  समझ  गए  कि  आत्मिक  आनंद  ही  सच्चा  आनंद  है   l  किसी  सांसारिक  वस्तु  से  उसकी  तुलना  करना  नासमझी  है  l