गांधीजी  ने  अनेक  भारत वासियों  और   विदेशियों  को  प्रेरणा  देकर  सेवा  साधना  हेतु  प्रेरित  किया    , उनमे  से  एक  हैं ----- वेरियर  एल्विन   l  करंजिया  नामक  एक  गाँव  ( पेंड्रा रोड ---- कटनी )  से  कुछ  मील  दूर   आदिवासी  लोगों  के  बीच  जाकर  काम  करने  की  प्रेरणा    उन्हें  महात्मा  गाँधी  ने  दी  l
वहां उन्होंने गौंड सेवा मंडल की स्थापना की l उन्होंने वहां की भाषा सीख ली , वे वहां के ' बड़े भैया बन गए l गांधीजी उन्हें अपना बेटा कहते थे और मीरा बेन को बेटी l गांधीजी ने उनके उन्हें एक साथी भी दिया था उनके काम में सहयोग के लिए l वे उसे हमेशा भाई की तरह सम्मान देते रहे l उन्होंने गोंड , बेगा , मुरिया , नागा , अगरिया आदि सभी तरह के आदिवासियों के बीच रहकर उनकी सेवा की , उनके लिए स्कूल खोले , अस्पताल चलाये l फरवरी 1962 में भारत में ही उनने अंतिम सांस ली l
वहां उन्होंने गौंड सेवा मंडल की स्थापना की l उन्होंने वहां की भाषा सीख ली , वे वहां के ' बड़े भैया बन गए l गांधीजी उन्हें अपना बेटा कहते थे और मीरा बेन को बेटी l गांधीजी ने उनके उन्हें एक साथी भी दिया था उनके काम में सहयोग के लिए l वे उसे हमेशा भाई की तरह सम्मान देते रहे l उन्होंने गोंड , बेगा , मुरिया , नागा , अगरिया आदि सभी तरह के आदिवासियों के बीच रहकर उनकी सेवा की , उनके लिए स्कूल खोले , अस्पताल चलाये l फरवरी 1962 में भारत में ही उनने अंतिम सांस ली l