25 January 2024

WISDOM -----

   तपस्वी  को  तप  करने  का  मूलमंत्र  देते  हुए  गुरु  बोले  ---- " तप  में  सफलता  अभीष्ट  हो  इसके  लिए  आहार  का  संयम  सबसे  जरुरी  है  l यदि  स्वाद  की  इन्द्रिय  ढीली    छूट   जाती  है   तो  बाकि  सभी  इन्द्रिय  बेलगाम  हो  जाती  हैं  l   इसी  पर  सबसे  पहले  विजय  प्राप्त  करो   l  "  एक  कथा  है  ---- एक  राजा  जंगल  में  शिकार  करने  गया  l  रात्रि  हो  जाने  से  वहां  एक  आश्रम  में   विश्राम  करने  के  लिए  रुक  गया  l    आश्रम  वासियों  ने  राजा  की  बहुत  सेवा  की  l  राजा  ने  प्रसन्न  होकर   वहां  आश्रम  में  एक  वैद्य  को  नियुक्त  कर  दिया   जिससे  उन्हें   चिकित्सा  के  लिए  इतनी  दूर  शहर  में  आने  की  परेशानी   न  हो  l   कुछ  समय  गुजरा  , वैद्य  के  पास  कोई  भी  इलाज  के  लिए  नहीं  आया  l  वह  वैद्य  राजा  के  पास  गया  और  बोला  ---- " महाराज  मैं  यहाँ  निष्क्रिय  जीवन   ही  व्यतीत  कर  रहा  हूँ   l  आश्रम  में  मेरा  कोई  उपयोग  नहीं  है  l "  राजा  को  आश्चर्य  हुआ   कि  आश्रम  में  कोई  बीमार  नहीं  पड़ता  l  इस  संबंध  में  जब  राजा  ने  आचार्य  से  पूछा   तो  आचार्य  बोले  ----- "राजन  !  यहाँ  प्रत्येक  आश्रमवासी  को  सुबह  से  शाम  तक   श्रम  करना  पड़ता  है  l  जब  तक  भूख  परेशान  नहीं  करतीं  ,  कोई  भी   भोजन  नहीं  करता  है  l  जब  कुछ   भूख  शेष  रह  जाती  है   तो  वे  भोजन  बंद  कर  देते  हैं  l  इस  प्राकृतिक  और  स्वच्छ  वातावरण  में   सबको  पवित्र  वायु  और  प्रकाश  मिलता  है  l  यही  इनके  आरोग्य  का   मूल  कारण  है  l "    राजा  को  भी  अपने  लिए   आरोग्य  का  मन्त्र  मिल  गया   l