22 December 2021

WISDOM -------

      पुराण  में  कथा  है -----  नारद जी  गोलोक  धाम  गए   वहां  उन्होंने  भगवान  कृष्ण  से  मथुरा  में   कंस  के  अत्याचार  की  अंतहीन  कथा  का  बयान  किया  ,  उन्होंने  कहा ---- "  कंस  की  क्रूरता  एवं  नृशंसता   का  कोई  ओर  - छोर  नहीं  है  l  वह  इन  दिनों  अपनी  शक्ति  , सत्ता एवं  धन  से  और  भी  मदांध  हो  गया  है   l  वह  किसी  की  नहीं  सुन  रहा  है   l  वह  किसी  की  नहीं  सुन  रहा  है  l  हे  नारायण  ! कंस  तो  खड्ग  उठाकर   देवकी - वसुदेव  का  सर्वनाश  करने  चल  पड़ा  है  l   अब  क्या  होगा  प्रभु  !  "  भगवान  कहते  हैं --- " इस  सृष्टि  के  विधान  में   कभी  भी   निर्दोष  को  सजा  नहीं  मिलती , बेक़सूरवार  कभी  भी   दंड  का  भागीदार  नहीं  होता  l  कंस  के  हाथों   माता  देवकी  और  पिता  वसुदेव  का  अंत  नहीं  लिखा  है  l  उनका  इतना  भोग  नहीं  बनता  कि   उनको  कंस  के  हाथों  प्राण  गंवाने  पड़े  l  लेकिन  उनका  कुछ  भोग  है  जिसके  परिणामस्वरूप  कंस  उनको  सता   रहा  है   l   इस  सृष्टि  में  काल  और  कर्म  से  बड़ा  कोई  नहीं  है  , कंस  भी  नहीं  l   काल  और  कर्म  के  अनुसार  ही  भोग  का  विधान  बनता  है  l   अच्छा  और  बुरा  दोनों  ही  काल  के   द्वारा  संचालित  होते  हैं  l  कंस  को  काल  दण्डित  करेगा  l   जब  काल  दण्डित  करता  है  तो  फिर  उसे  कोई  बचा  नहीं  सकता  है  l  "