8 April 2025

WISDOM -------

   अंधकार  की   शक्तियों  को  यह  अहंकार  होता  है  कि  वे  अमर  हैं  , उन्हें  कोई  नहीं  मिटा  सकता   लेकिन  गहन  अंधकार  को  मिटाने  के  लिए   सूर्य  की  एक  किरण  ही  पर्याप्त  है  l  मनुष्य  संसार  से  छिपकर  , नकाब  पहनकर  अनेक  अपराध  करता  है  ,  उसे  यह  विश्वास  होता  है  कि  उसे  किसी  ने  नहीं  देखा  l  स्वयं  को  भगवान  समझने  के  कारण  उसे  ऐसी  ग़लतफ़हमी  होती  है  l  यह  बात  उसकी  समझ  से  परे  है  कि  प्रकृति  के  कण -कण  में  भगवान  हैं  ,  वे  उसे  देख  रहे  हैं  l  डिवाइन  टाइम  होता  है  , तब  वह  सच  सबके  सामने  आता  है  l  ईश्वरीय  शक्ति  कब  और    कैसे  मनुष्य  के  अहंकार  को  चकनाचूर   करती  है  ,  देखने   और  समझने  वालों  के  लिए  वह  चमत्कार   होता  है  l  -----------------"  नन्ही  सी  चिनगारी!  तुम  भला  मेरा  क्या  बिगाड़  सकती  हो  !   देखती  नहीं  मेरा  आकार  ही  तुमसे  कई  गुना  बड़ा  है  ,  अभी  तुम्हारे  ऊपर  गिर  पडूँ   तो  तुम्हारे  अस्तित्व  का  पता   भी  न  लगे  l  "  तिनकों  का  ढेर  अहंकार  पूर्वक  बोला  l     चिनगारी  कुछ  बोली  नहीं  ,  चुपचाप  ढेर  के  समीप  जा  पहुंची  l  तिनके  उसकी  आंच  में  भस्मसात  होने  लगे  l  अग्नि  की  शक्ति  ज्यों -ज्यों    बढ़ी  ,  तिनके  जलकर  नष्ट  होते  गए  ,   देखते -देखते   भीषण  रूप  से  आग  लग  गई    और  सारा  ढेर  राख  में  परिवर्तित  हो  गया  l  यह  द्रश्य  देख  रहे   आचार्य  ने  अपने  शिष्यों   को  बताया  ---- "  बालकों  !  जैसे  आग  की  एक  चिनगारी  ने  अपनी  प्रखर  शक्ति  से   तिनकों  का  ढेर  खाक  कर  दिया  l  वैसे  ही   तेजस्वी  और  क्रियाशील  एक  व्यक्ति  ही   सैकड़ों  बुरे  लोगों  से  संघर्ष  में  विजयी  हो  जाता  है  l  "