10 April 2013

STRUGGLE IN LIFE

जीवन के संघर्ष और समुद्री तूफान की आँधियों से दुखी एक नाविक जहाज से उतर कर आया तो द्वीप के किनारे खड़ी एक अविचलित ,अडिग चट्टान को देखकर बड़ी शांति को प्राप्त हुआ | स्वच्छ ,सुंदर सी उस चट्टान पर खड़े होकर ,वह चारों ओर देखने लगा | उसने देखा कि द्वीप के कोने में स्थित उस चट्टान पर निरंतर समुद्र की लहरों का आघात हो रहा है ,तो भी चट्टान के मन में न कोई रोष है ,न बैर | | न कोई ऊब ,न दुःख | मरने की भी उसने कभी इच्छा नहीं की | नाविक का ह्रदय श्रद्धा से भर गया | उसने चट्टान से पूछा -"तुम पर चारों ओर से आघात लग रहे हैं ,फिर भी तुम परेशान नही हो | तुम्हारी इस सहनशीलता का कारण क्या है ?"चट्टान की आत्मा धीरे से बोली -"तात !हम निराश हो गये होते तो एक क्षण ही सही दूर से आये आप जैसे अतिथियों को विश्राम देने ,उनका स्वागत करने से वंचित रह जाते | | संघर्षों से लड़ने में ही हमें आनंद आता है | नाविक ने उत्साहित होकर स्वयं से कहा -"जीवन में कितने ही संघर्ष आयें ,मैं भी अब इस चट्टान की तरह जीऊंगा ,ताकि हमारी भावी पीढ़ी और मानवता के आदर्शों की रक्षा हो सके |