24 February 2018

WISDOM -------- श्रेष्ठ सन्तान के लिए व्यक्ति के अन्दर शुभ संस्कारों का होना जरुरी है l

   हम  वास्तव  में  अन्दर  से  कैसे  हैं  ,  यही  हमारी  वास्तविक  छवि  है  और  उसी  के  अनुरूप  संतान  का  निर्माण  होता  है  l  माता - पिता  के  आंतरिक  गुण , संस्कार ,  आदतें , व्यवहार  आदि  सभी  कुछ  उसकी  संतान  को  विरासत  में  मिलते  हैं   l  एक  बार  गांधीजी  से   एक   पत्रकार  ने  पूछा --- " आप  इतने  महान  महात्मा  हैं  फिर  आपकी   सन्तान  इतनी  सामान्य  क्यों  है  ?  वह  आपकी  जैसी   या   आपसे   अधिक  महान  क्यों नहीं  है  ?  "  महात्मा  गाँधी  ने  हँसकर  जवाब  दिया ---- " मेरी  संतानों  के  जन्म  के  समय  मैं  अत्यंत  ही  सामान्य  व्यक्ति  था  , इसलिए  स्वाभाविक  है  कि  मेरी     संतान  सामान्य  हो   l  "