हम वास्तव में अन्दर से कैसे हैं , यही हमारी वास्तविक छवि है और उसी के अनुरूप संतान का निर्माण होता है l माता - पिता के आंतरिक गुण , संस्कार , आदतें , व्यवहार आदि सभी कुछ उसकी संतान को विरासत में मिलते हैं l एक बार गांधीजी से एक पत्रकार ने पूछा --- " आप इतने महान महात्मा हैं फिर आपकी सन्तान इतनी सामान्य क्यों है ? वह आपकी जैसी या आपसे अधिक महान क्यों नहीं है ? " महात्मा गाँधी ने हँसकर जवाब दिया ---- " मेरी संतानों के जन्म के समय मैं अत्यंत ही सामान्य व्यक्ति था , इसलिए स्वाभाविक है कि मेरी संतान सामान्य हो l "