13 December 2022

WISDOM

   पं . श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं ---" मनुष्य  को  सदा  अपना  विवेक  जाग्रत  रखना  चाहिए  l  दूसरों  की  नक़ल  कर  , बिना  अपनी  बुद्धि  लगाए  , वैसा  ही  करने  वाला  सदा  उपहास  का  पात्र  बनता  है  l "  विज्ञानं  ने  सारी  दुनिया  को  एक  मंच  पर  ला  दिया  है  l  इसके  फायदे  भी  हुए  हैं   लेकिन  जहाँ  विवेक  का  इस्तेमाल  नहीं  हुआ   वहां  नुकसान  भी  बहुत  हुआ  है  l   भारतीय  संस्कृति  जो  चरित्र  और  नैतिक  मूल्यों  पर  टिकी  थी  , उसका  ही  पतन  हो  रहा  है  l  बुद्धिमत्ता  इसमें  है  कि  हम  अपनी  पहचान  को  बनाये   रखें  और  दूसरे  का  जो  श्रेष्ठ  है  उसे  अपनाएं  l  विवेकहीन  नक़ल  कर  के  कहीं  के  नहीं  रह  जाते  l  ---- दो  गधे  बोझा  उठाये  चले  जा  रहे  थे  l  एक  की  पीठ  पर  नमक  की   और  दूसरे  की  पीठ  पर  रुई  की  बोरियां  लदी  थीं  l  रास्ते  में  एक  नदी  पड़ी  l  नदी  के  ऊपर   रेत  की  बोरियों  का  कच्चा  पुल  बना  था  l  जिस  गधे  की  पीठ  पर   नमक  की  बोरी  थीं  उसका  पैर  फिसल  गया   और  वह  नदी  में  गिर  पड़ा  l  नदी  में  गिरते  ही  नमक  पानी  में  घुल  गया   और  उसका  वजन  हल्का  हो  गया  l  वह  यह  बात  दूसरे  गधे  को  बड़ी  प्रसन्नता  से  बताने  लगा  l  दूसरे  गधे  ने  सोचा  कि  बढ़िया  युक्ति  है  ,  ऐसे  तो  मैं  भी  अपना  भार  हलका  कर  सकता  हूँ   और  उसने  बिना  सोचे -समझे  पानी  में  छलांग  लगा  दी   किन्तु  रुई  के  पानी  सोख  लेने  के  कारण   भार  कम   होने  की  जगह  बहुत  बढ़  गया  l   ' नक़ल  में  अक्ल  की  जरुरत  होती  है  l