7 April 2013

PARISHRAM

माली के पुत्र ने पिता को बाग में मेहनत करते देखकर पूछा -"पिताजी !आप गुलाब के पौधे पर इतनी मेहनत करते हैं ,वर्ष भर देखभाल करने के बाद ही पौधा तैयार होता है | इसकी जगह बेशरम की झाड़ियाँ क्यों नहीं लगाते ,वो तो बिना किसी तैयारी के ही उग आती हैं | "माली हँसा और बोला -"बेटा !श्रेष्ठ संपदाएं और विभूतियां हमेशा परिश्रम के बाद ही प्राप्त होती हैं | दुर्गुण और अवांछित तत्व तो बिना प्रयास के ही मिल जाते हैं | "

IMPORTANCE OF LABOUR

श्रम का महत्व अपार है जिससे अभाव ,दरिद्रता ही नहीं ,बीमारियों तक को भगाया जा सकता है |
               पहाड़ की अनुमति से बीमारियाँ पर्वत पर रहने लगीं | कुछ दिन बीते ,एक किसान को कृषि योग्य भूमि की कुछ कमी पड़ी | पहाड़ बहुत सारी जमीन दबाए खड़ा है ,यह देखकर परिश्रमी किसान पहाड़ काटने और उसे चौरस बनाने में जुट गया | किसान ने बहुत सी भूमि कृषि योग्य कर ली | यह देखकर दूसरे किसान भी जुट पड़े | किसानों की संख्या देखते -देखते सैकड़ों तक जा पहुँची | पहाड़ घबराया और अपने बचाव के उपाय खोजने लगा | कुछ और तो समझ में नहीं आया ,उसने सब बीमारियों को एकत्र कर फावड़े और कुदाल चलाते हुए किसानों की ओर संकेत किया और कहा ,यह रहे मेरे शत्रु ,तुम सबकी सब इनपर झपट पड़ो और मेरा नाश करने वालों का सत्यानाश कर डालो |
अपने -अपने आयुध लेकर बीमारियाँ आगे बढीं और किसानों के शरीर से लिपट गईं ,पर किसान तो अपनी धुन में थे ,वे फावड़ा जितनी तेजी से चलाते ,पसीना उतना ही अधिक निकलता और सारी बीमारियाँ धुलकर नीचे गिर जातीं | बहुत प्रयत्न किया ,पर बीमारियों की एक न चली | पहाड़ ने जब देखा कि बीमारियाँ उसकी रक्षा नहीं कर सकीं ,तो वह बढ़ा कुपित हुआ और अपने पास से भगा दिया | तब से बीमारियाँ गंदगी में ,आलसी में प्रश्रय पाती हैं |