1 October 2018

WISDOM ----- कथनी और करनी एक हो

 काका  कालेलकर  से  किसी  विदेशी   ने  पूछा ---- " गांधीजी  का  देश  के  हर  वर्ग  पर  इतना  प्रभाव  किन  कारणों  से  पड़ा  है  ? "   काका  ने  कहा ---- "  गांधीजी  अपने  साथ   संयम  की   कड़ाई  बरतते  हैं   l  जो  मन  में  है  , वही  वाणी  से  कहते  हैं  और  अपने  क्रिया - कलापों  को  सार्वजनिक  हित  में  लगाये  रहते  हैं  l  वे  वही  कहते  हैं  ,  जो  करते  हैं    इसलिए  वे   विश्व भर  में   असंख्यों   के  लिए  अनुकरणीय   हैं   l  " 
                    गांधीजी  के  आश्रम  में   जब  ' नमक  सत्याग्रह  शुरू  हुआ     तो  लोगों ने   गांधीजी  से   कहा   आप  चुपचाप   शांति   से    बैठे  रहिये   और  लोगों  को  हुक्म  दीजिये  l  सब  लोग  जेल  जा  सकते  हैं , नमक  बना  सकते  हैं   l  गांधीजी  ने  कहा ---  ऐसा  नहीं  हो  सकता   l  जो  लोग  साबरमती  आश्रम  में  रहते  हैं  ,  उन   आश्रम वासियों  का    सबसे  पहले  नम्बर  है   l  उन्होंने  सबसे   पहले     अपना  नाम  लिखाया   l  गाँधी  के  आश्रम  में  जो  उन्नीस  आदमी  थे  ,  उनको  लेकर  और  आश्रम  में  ताला  डालकर   गांधीजी   अपने  साथियों  को  लेकर   नमक   बनाने  के  लिए  रवाना  हो  गए   और  वहां  से  जेल  चले  गए  l  उनके  जेल  जाने  के  बाद  जो   आग  फैली   तो  एक -एक बच्चा , जन सेवक   सभी   जेल  जाने  को  तैयार  हो  गए   l  यह  प्रभाव  उनके  व्याख्यानों  का  नहीं  था  l  त्याग  के  लिए  गांधीजी  का  स्वयं  को   प्रस्तुत  करने  का  था   l  बिना  कोई  व्याख्यान  दिए ,  बिना  कोई  प्रवचन  दिए ,  बिना   किसी  सम्मलेन  को  बुलाये  ,  कितने  सारे  लोग  जेल  चले  गए   l  गांधीजी  के  उस  साहस  को ,  उस  त्याग  को   देखकर  लोग  समझ  गए  कि  गांधीजी  की  कथनी  और  करनी  एक  है   l