5 June 2019

WISDOM ----- धन और राज्य की लालसा मनुष्य को न्याय - अन्याय के प्रति अन्धा बना देती है

 '  साम्राज्यवाद  एक  प्रकार  का  अभिशाप  है  ,  जो  लाखों  निर्दोष  लोगों  का  संहार  कर  डालता  है   और  लाखों  का  ही  घर - बार  नष्ट  कर  के  उन्हें  पथ  का  भिखारी  बना  देता  है   l   साम्राज्यवादियों  के  लिए  अकारण  ही  दूसरे  राजाओं  पर  चढ़ाई  करना  और  उनका  राज्य  छीन  लेना  कोई  नई  बात  नहीं  l  '
                 सिकन्दर  और  चंगेजखान  जैसे  शासकों  ने  ही  दूर - दूर  के  देशों  पर   आक्रमण  नहीं   बल्कि  हमारे   भारतीय  पुराणों  में     भी  सैकड़ों   चक्रवर्ती  नरेशों    उल्लेख  है   जिन्होंने   उस  समय   तक    सभी  देशों   पर  अपनी  प्रभुता  स्थापित   कर   ली  थी  l  वर्तमान  युग  में   भी   हम  देखें  तो    स्वतंत्रता  से  पूर्व    छोटे - छोटे  राजा  सत्ता  और  प्रभुता    लिए  आपस  में  लड़ते  रहे  ,  जो  भी  थोडा  ताकतवर  हुआ  उसने  दूसरे  को  पराधीन  करने  में  देर  नहीं  की  l
  साम्राज्यवाद  का  यह  नशा  अभी  भी  समाप्त  नहीं  हुआ  l   वैज्ञानिक  प्रगति  के  साथ  उसका  रूप  बदल  गया   क्योंकि  लोभ  , लालच   और  दूसरे  को  पराधीन  बनाना  ये  मानसिक  विकार  हैं   जो  मनुष्य  की  आँखों  पर  ऐसी   पट्टी  बाँध  देते  हैं  कि  उसे  सिवाय  अपनी  लालसा पूर्ति  के   और  कोई  बात  दिखाई  ही  नहीं  देती  l