' व्यक्तित्व निर्माण तब संभव है जब बच्चे सुरक्षित हों l '
बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण में माता - पिता और समाज की सम्मिलित भूमिका होती है l यदि माता - पिता अपने ऐशोआराम में व्यस्त हैं तब केवल पैसा खर्च करके बच्चों का व्यक्तित्व नहीं बन सकता l धन कमाना भी जरुरी है , इसके साथ अपने कुछ सुखों का त्याग कर बच्चों को अच्छे संस्कार देना भी जरुरी है l
इसी तरह समाज में विभिन्न क्षेत्रों में लोग अपना कर्तव्य पालन ईमानदारी से करते हैं , समाज में अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं तभी बच्चे सुरक्षित रह सकते हैं l आज के समाज में हम देखते हैं कि बच्चे सुरक्षित नहीं हैं l कायरता इतनी बढ़ गई है कि आपसी दुश्मनी का बदला लोग बच्चों से लेते हैं l विभिन्न संस्थाओं का उद्देश्य केवल धन कमाना है , बच्चों की सुरक्षा के प्रति वे लापरवाह हैं l
परिवार और समाज को अपनी प्राथमिकताएं तय करनी पड़ेंगी कि उन्हें अपना भविष्य कैसा चाहिए l फ्रांस के प्रसिद्ध समाजशास्त्री और प्रजातंत्र के जन्मदाता रूसो ने मानवी भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए बालकों के व्यक्तित्व निर्माण को सर्वोपरि महत्व दिया है l और कहा है कि नवयुग की आधारशिला उन्ही के बलबूते निर्मित की जा सकती है l
बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण में माता - पिता और समाज की सम्मिलित भूमिका होती है l यदि माता - पिता अपने ऐशोआराम में व्यस्त हैं तब केवल पैसा खर्च करके बच्चों का व्यक्तित्व नहीं बन सकता l धन कमाना भी जरुरी है , इसके साथ अपने कुछ सुखों का त्याग कर बच्चों को अच्छे संस्कार देना भी जरुरी है l
इसी तरह समाज में विभिन्न क्षेत्रों में लोग अपना कर्तव्य पालन ईमानदारी से करते हैं , समाज में अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं तभी बच्चे सुरक्षित रह सकते हैं l आज के समाज में हम देखते हैं कि बच्चे सुरक्षित नहीं हैं l कायरता इतनी बढ़ गई है कि आपसी दुश्मनी का बदला लोग बच्चों से लेते हैं l विभिन्न संस्थाओं का उद्देश्य केवल धन कमाना है , बच्चों की सुरक्षा के प्रति वे लापरवाह हैं l
परिवार और समाज को अपनी प्राथमिकताएं तय करनी पड़ेंगी कि उन्हें अपना भविष्य कैसा चाहिए l फ्रांस के प्रसिद्ध समाजशास्त्री और प्रजातंत्र के जन्मदाता रूसो ने मानवी भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए बालकों के व्यक्तित्व निर्माण को सर्वोपरि महत्व दिया है l और कहा है कि नवयुग की आधारशिला उन्ही के बलबूते निर्मित की जा सकती है l