15 March 2022

WISDOM ----

   विख्यात  वैज्ञानिक  अलबर्ट  आइंस्टीन   बर्लिन  हवाई  अड्डे  से  हवाई  जहाज  में  बैठे   और  थोड़ी  देर  में  उन्होंने  माला  निकाल  कर  जपना  शुरू  कर  दिया  l   उनके  निकट  बैठे  युवक  ने   उनकी  ओर   देखते  हुए  कहा ---- ' आज  का  युग  वैज्ञानिक  युग  है   l   आज  दुनिया   में आइंस्टीन  जैसे  वैज्ञानिक  हैं  और  आप  माला  जपकर  रूढ़िवाद  को  बढ़ावा  दे  रहे  हैं   l   '  ऐसा  कहकर  उसने  अपना  कार्ड   उनकी ओर   बढ़ाया   और  बोला ----- " मैं   अन्धविश्वास  समाप्त  करने    वाले   वैज्ञानिकों  के  दल   का  प्रमुख  हूँ  l   कभी  मिलने  आइये   l "  उत्तर  में  आइंस्टीन  ने   अपना  कार्ड  निकाला   और  उसे  दिया  l   उनका  नाम  पढ़ते   ही वह  युवक  हक्का -बक्का  रह  गया  l   आइंस्टीन  बोले ---- " दोस्त  ! वैज्ञानिक  होना  और  आध्यात्मिक  होना  ,  विरोधी  बातें  नहीं   हैं  l   बिना  आस्था  के   विज्ञानं  विनाश  ही  पैदा  करेगा  ,  विकास  नहीं  l  "  यह  सुनकर  युवक  के  जीवन  की   दिशा    ही  बदल  गई   l 

WISDOM ----

   हमारे  दोनों  ही  महाकाव्य  ' रामायण '  और  महाभारत  '      मुख्य  रूप  से    इस  बात  को  स्पष्ट  करते  हैं   कि   अत्याचार  और  अन्याय  का  अंत  हो  और  संसार  में   धर्म  की  स्थापना  हो  सुख - शांति  का  साम्राज्य  हो  l इसी  बात  को  चित्रित  करने  वाले  अनेक  प्रसंग  हैं   l   भगवान  कभी  भेदभाव  नहीं  करते  हैं  ,  वे  अत्याचार  करने  वाले  प्रत्येक  व्यक्ति   का  अंत  करने  का  समर्थन  करते  हैं  l   महाभारत  का  प्रसंग  है  ----- जब  पांडव  वनवास  में  थे  तब  वहां  भीम  ने  हिडिंबा   से  विवाह  किया  था  जो  राक्षस  कुल  की  थी  ,  उससे  उनके  एक  पुत्र  हुआ  जिसका  नाम  था  ' घटोत्कच ' l   यह  बहुत  वीर   और  बलशाली  था   और  मायावी  विद्या  में  निपुण  था   उसे  भी  महाभारत  के  युद्ध  में  अपनी  वीरता  दिखाने   का  अवसर  मिला   , घटोत्कच  ने  बहुत  वीरता  से  युद्ध  किया   लेकिन  क्योंकि  वह  मायावी  विद्या  जानता   था  इसलिए  रात्रि  के  समय  अदृश्य  होकर   उसने  ऐसे  मारक  अस्त्रों  का  प्रयोग  किया  कि   समूची  सेना  में , प्रजा  में  हाहाकार  मच  गया  ,  वातावरण  अंधकारमय  और  जहरीला  होने  लगा   तब  ईश्वर  की  ही  प्रेरणा   से कौरव पक्ष  के  महारथियों  ने  कर्ण   से  कहा  कि   उसके  पर  देवराज  इंद्र  की  दी  हुई  जो  अमोघ  शक्ति  है  उससे  वह  घटोत्कच  का  वध  करे  l   तब  कर्ण   ने  उस  दिव्य  शक्ति  से  घटोत्कच  का  वध  किया  l   अपने  पुत्र  की  मृत्यु  का  समाचार  सुनकर  भीम  बहुत   दुःखी   हुए  तब  भगवान  ने  उन्हें  समझाया   कि   युद्ध  के  नियम  होते  हैं  ,  जिनका  पालन  जरुरी  है   और  असुरता  कहीं  भी  हो  ,  मानवता  की  रक्षा  के  लिए  उसका  अंत   अनिवार्य  है   l