8 April 2023

WISDOM -----

     विज्ञान   के  चमत्कारों  ने  इस  युग  को  वैज्ञानिक  युग   का  दर्जा  दे  दिया   लेकिन  इससे  भी  अधिक  उन्नत  दशा  में  हम  महाभारत काल  में  थे   l  यह  जरुरी  है  कि  हम   अपने  प्राचीन  ज्ञान -विज्ञान    को  बार -बार  याद  करें  l  अतीत  का  गौरव   किसी  भी  देश  के  नागरिकों  के  स्वाभिमान  को  जगाने  और  उसे  मजबूत  बनाने  में  सहायक  होता  है  l  आज  वैज्ञानिक  जिस  ब्लैक  होल  की  बात  करते  हैं  ,  हमारे  महान  ऋषि  उससे  पहले  से  ही  परिचित  थे  l ------- महाभारत  के  वन  पर्व  के  अंतर्गत   तीर्थयात्रा  पर्व  के  एक  सौ  बत्तीसवें  अध्याय  में  कहोड़  मुनि  और  अष्टावक्र  की  कथा  आती  है  l  शास्त्रार्थ  में  पराजित  मुनि  कहोड़  को  जल  समाधि   दे  दी  गई  थी  l  बाद  में  मुनि  के  पुत्र  अष्टावक्र  ने   अपने  पिता  के  अपराधी   पण्डित  वन्दी  को  पराजित  कर  उसे  भी  समुद्र  में   डुबोने  की  सजा  दी  ,  तो  वरुण  पुत्र  वन्दी  ने   क्षमायाचना  सहित  कहा  कि  पण्डितों  को  जान  से  मारने  का   मेरा  तनिक  भी  इरादा  नहीं  है  l  वस्तुतः  मेरे  पिता  वरुण  के  राज्य  में   विशाल  यज्ञ   हो  रहा  है  l  यहाँ  से  विद्वान्  पण्डितों  को  चुन -चुनकर  मैं  वहीँ  भेज  रहा  था  l  शास्त्रार्थ  में  में  हराकर  जल  में  डुबोना   तो  एक  निमित्त  मात्र  था  l  अब  यज्ञ   समाप्ति  पर  है   और  सभी  ब्राह्मण  लौटने  वाले  हैं  l  कुछ  समय  पश्चात्  सभी  ऋषिगण  सामने  से  आते  दिखाई  पड़े  ,  इनमे  ऋषि  कहोड़  भी  थे  l    यह  समुद्र  में  ब्लैक होल  ही  था  , जिसमे  से  ऋषियों  को  वरुण  लोक  भेजा  गया  l  उस  समय  के  ऋषि  कोई  रहस्यमय  विद्या  अवश्य  जानते  थे   , जिसकी  मदद  से  वे  पृथ्वी लोक  पर  वापस  आ  गए   l    उस  समय  हमारा  ज्ञान -विज्ञानं  चरम उत्कर्ष  पर  था   l  युगों  की  गुलामी , आपसी  फूट  , जाति  और  धर्म  के  नाम  पर  मतभेद  , विदेशी  आक्रमण   में  उलझकर   लोग  इस  वैभव  को  भूल  गए   l  इस  वैभव  को  पुन:  प्राप्त  करने  के  लिए  परस्पर  एकता  और  स्वाभिमान  जरुरी  है  l