9 December 2019

WISDOM ------

 असुरों  ने  अपने  बुद्धि  कौशल  से  देवताओं  को  इक्कीस  बार   पराजित  किया   और  प्रत्येक  बार  इन्द्रासन  पर  प्रतिष्ठित  हुए  ,  किन्तु  हर  बार  वे   दीर्घकाल  तक  देवलोक  के  स्वामी  न  बने  रह  सके   और  अंतत :  स्वर्ग  छोड़ने  को  विवश  हुए  l   देवर्षि  नारद  ने  प्रजापति  ब्रह्मा  से  पूछा --- " तात  !  विजयी  होने  पर  भी  असुर  इन्द्रासन  पर  अपना  अधिकार  क्यों  न  रख  सके   ?  "
  ब्रह्मा जी  ने  उत्तर  दिया --- " पुत्र  !  छल  और  छद्म  से   ऐश्वर्य  तो  प्राप्त  किया  जा  सकता  है  ,  परन्तु  उसका  उपभोग   विवेकवान  एवं   संयमी  पुरुष   ही  कर  पाते   हैं  l   संयम  की  उपेक्षा  करने  वाले    असुर  जीतने  पर  भी   इन्द्रासन  पर   एकाधिकार   कैसे  कर  सकते  थे   l