28 August 2023

WISDOM -----

  श्रीराम  के  एक  ही  शिष्य  हैं ,  हनुमान जी  l  बड़े  से  बड़ा  काम  कर  के  भी   उन्हें  कोई  अहंकार  नहीं  l  परम  समर्थ  और  सतत  राम -नाम  का  जप  l  जब  वे  लंका  जलाकर   अकेले  ही   रावण  का  मान  मर्दन  कर   प्रभु  के  पास  लौटे   और  प्रभु  ने  पूछा   कि  त्रिभुवन  विजयी   रावण  की  लंका  को  तुमने  कैसे  जलाया   हनुमान  !  तब  उन्होंने  कहा --- सो  सब  तव  प्रताप  रघुराई  l  नाथ  न  कछू  मोरि  प्रभुताई  l     श्री  हनुमान जी  व्याकरण  के  पंडित , वेदज्ञ ,  ज्ञान  शिरोमणि, बड़े  विचारशील , तीक्ष्ण  बुद्धि  और  अतुल  पराक्रमी  हैं  , लेकिन  अति  विनम्र  हैं  ,  अहं  उन्हें  छू  भी  नहीं  गया  है  l  सभी  भक्तों  के  वे  आदर्श  हैं  l  श्रीराम  कहते  हैं ----- सुनु  सुत   तोहि   उरिन  मैं  नाहीं  l  देखेउँ  करि  बिचार  मन  माहीं  l