8 August 2019

WISDOM ------ शक्ति का सदुपयोग जरुरी है

  पुराणों  की  एक  कथा  है ---- श्रुतायुध  के  पास  शंकर जी  के  वरदान  से  प्राप्त  एक  अमोघ  गदा  थी  l  उसके  तप  से  प्रसन्न  होकर  भगवान  ने  यह  गदा उसे  इस  शर्त  पर  दी  थी  कि  वह    उसका  प्रयोग  अनीति पूर्वक  नहीं  करे   l     यदि  वह  ऐसा  करेगा  तो  वह  लौटकर   उसी  का  विनाश  कर  देगी  l   महाभारत  के  युद्ध  में   जब  श्रुतायुध  को  अर्जुन  से  युद्ध  करना  पड़ा  l  तब  सारथी  का  कार्य  करते  हुए   भगवान  कृष्ण  किसी  बात  पर  हँस  पड़े  l  श्रुतायुध  को  लगा  कि   वे  उसकी  कुरूपता  पर  हँस  रहे  हैं  l  उसने  आवेश  में  आकर  अपनी  अमोघ  गदा   श्रीकृष्ण  पर   फेंक  चलाई  l  उसे  यह  भी  ज्ञात  न  रहा  कि  उसके  साथ  क्या  शर्त  जुड़ी  है  l  गदा कृष्ण  तक  न  पहुंची  और  बीच  से  ही  वापस  लौटकर  श्रुतायुध  पर  गिर  पड़ी  l  उसका  शरीर  क्षत - विक्षत  होकर  भूमि  पर  गिर  पड़ा   l  महाभारत  के  युद्ध  को  संजय  अपनी  दिव्य  द्रष्टि  से  देख  रहे  थे  l  यह  समाचार  सुनाते  हुए  बोले  ---- ' राजन  !  मनुष्य  को  समस्त  शक्तियां  श्रुतायुध  की  गदा  की  तरह   सदप्रयोग  के  लिए  मिली  हैं  , जो  उन्हें  अनीति पूर्वक    प्रयोग  करते  हैं  ,  वे  अपने  पाप  से  आहत   होकर    इसी  तरह  स्वयं  ही  विनाश  को  प्राप्त  होते  हैं  l  

WISDOM -----

 मनुष्य  कितने  बड़े  संकल्प  कर  सकता  है  और  उन  संकल्पों  को  साकार  भी  कर  सकता  है  l  लेकिन  यदि  यह  सब  अपने  अहम्  की  तृप्ति  के  लिए  किया  है  तो  यह  मनुष्य  की  बहुत  बड़ी  भूल  है  l  जब  कोई  संकल्प  दूसरों  के  हित  का  ध्यान  रखकर  किया  जाता  है  , उसमे ' बहुजन  हिताय , बहुजन  सुखाय '  का  सपना  होता  है   तो  उसकी  दिशा  सही  मानी  जाती  है  , उसके  लिए  किये  गए  प्रयासों  में  सफलता  मिलती  है  और  जीवन  सार्थक  होता  है  l  संकल्प  के  पीछे  यदि  स्वार्थ  और  अहंकार  है   तो  जीवन  के  सार्थक  होने  का  प्रश्न  ही  नहीं  होता  l