3 May 2022

WISDOM -----

 कहते  हैं  जो  कुछ  महाभारत  में  है , वही   इस  धरती  पर  है  l   दुर्योधन  का  चरित्र  इस  सत्य  को  उजागर  करता  है  कि  जीवन  भर  धोखा , छल -कपट ,  और  षड्यंत्र  करने  का  दुष्परिणाम  क्या  होता  है  l  दुर्योधन  के  हठ  और  अहंकार  के  कारण  कितने  ही  राजा - महाराजा , सैनिक  आदि   मारे  गए  l    इन  सब  की   मृत्यु   को  देखना  उसके  लिए  बहुत  सरल  था    लेकिन  जब  उसके  सामने  मृत्यु   आई   तो  वीर  और  शक्तिशाली  होते  हुए  भी  काँप  गया ,  उसमे  जीवन   की  चाह  पैदा  हो  गई   और  अपनी    मृत्यु  से  बचने  के  लिए    हस्तिनापुर  का  युवराज  वस्त्रहीन  हो  गया  l  अपना  जीवन  ,  जीवन  है  और  दूसरे  के  जीवन  की  कोई  कीमत  नहीं   !  यह  सत्य  आज  भी  देखा  जा  सकता  है  l  यह  कथानक  इस  सत्य  को  भी  बताता  है   कि   धोखा  और  षड्यंत्र  रचने  वाले   अपनी  योजना  को  कितना  ही  गुप्त  रख  लें  ,  उन  पर  ईश्वर  की  कृपा  नहीं  होती  है   इसलिए  कोई  न  कोई  कमी  रह  जाती  है   ताकि  सच  दुनिया  के  सामने  आ  सके  l  दुर्योधन  का  भी  पूरा  शरीर  वज्र  का  नहीं  हो   सका  ,  उसमे  कमी  रह  गई  थी  l  इस  कमी  के  कारण  ही  उसके  साथ  पूरे  कौरव  वंश  का  अंत  हुआ   और  ' महाभारत  '   महाकाव्य  के  माध्यम  से  यह  सत्य  दुनिया  के  सामने  आया  l