22 August 2023

WISDOM ------

   1 . हकीम  लुकमान  से  लोगों  ने  पूछा ---" वे  इतने  बुद्धिमान  कैसे  बने  ? " तो  वे  बोले --- "मुझे  बुद्धि  मूर्खों  से  मिली  l " लोगों  ने  पूछा  --- "कैसे ? '  लुकमान  बोले ---- " मैंने  उनके  जीवन  को  बारीकी  से  देखा   और  उनके  जीवन  में  जो  छोड़ने  लायक  लगा ,  उसे  अपने  जीवन  में  भी  छोड़  दिया  l  प्रेरणा  प्राप्त  करने  के  लिए   संसार  के  सभी  मार्ग  उपलब्ध  हैं  l " 

2 .  प्राचीन  समय  में  जब  मनुष्य  के  पास  प्रकाश  नहीं  था   तब  लोगों  ने  अंधकार  को   दूर  करने  के  अनेकों  उपाय   सोचे  किन्तु  कोई  भी  कारगर  नहीं  हुआ  l  किसी  ने  सुझाव  दिया  कि  हमें  अंधकार  को   टोकरी  में  भरकर   गड्ढे  में  डाल  देना  चाहिए  l  लोगों  ने  टोकरी  लेकर  ऐसा  प्रयास  करना  आरम्भ  कर  दिया  l  धीरे -धीरे  इसने  एक  प्रथा  का  रूप  ले  लिया  l  उसी  समय  एक  युवक  का  विवाह  एक  विदुषी  महिला  से  हो  गया  l  प्रथा  के  अनुरूप  उससे  भी  अंधकार  को   फेंकने  का  कार्य  करने  के  लिए  कहा  गया  l  यह  सुनकर  वह  हँसने  लगी  l  उसने  सूखे  पत्तों  को  एकत्र  किया   और  फिर  दो  पत्थरों  को  टकराया   तो  लोग  चकित  होकर  देखते  रह  गए  कि  आग  पैदा  हो  गई  और  अँधेरा  दूर  हो  गया  l  उस  दिन  से  लोगों  ने  अँधेरा  फेंकना  छोड़  दिया  , क्योंकि  वे  आग  जलाना  सीख  गए  थे  l  हम  भी  उन  गाँव  वालों  की  तरह  हैं  ,  जो  पाप , दोष , दुर्गुणों  से  लड़ते  रहते  हैं  ,  जबकि  सद्गुणों  को  अपनाने  पर  ये  अपने  आप  छूट  जाते  हैं  l  आचार्य श्री  लिखते  हैं  --हमें  अपने  जीवन  में  सकारात्मक  होना  चाहिए  l  प्रारम्भ  में   किसी  एक  अवगुण  को  छोड़ें  और  उसके  खाली  स्थान  को  किसी  एक  सद्गुण  से  भरें  l  ऐसा  निरंतर  प्रयास  करते  रहने  से  सन्मार्ग  पर  चलने  की  आदत  हो  जाएगी  और  जीवन  सकारात्मक  दिशा  में  ही  बढ़ेगा  l