10 January 2019

WISDOM ----- कठिनाइयाँ और विपरीत परिस्थितियां उपलब्धि तभी बनती है जब हम उन परिस्थितियों में मनोबल बनाये रखते हैं , हिम्मत नहीं हारते हैं

   अनुकूल परिस्थितियों  में  सुख  और  यश  की  ललक  इतनी  प्रबल  होती  है   कि  उन्हें  प्राप्त  करने  में  ही  पूरी  उर्जा  चली  जाती  है  l   विपरीत परिस्थितियां  हमें  सजग ,  सतर्क  और  सावधान  बनाती  हैं   l   अपने - पराये  का  परिचय  इसी  अवस्था  में  होता  है  l जिन्हें  हम  अपना  मान  के  जान  छिडकते  हैं ,  वे  कितने अपने  हैं  , इसी  दौरान  इसकी  परीक्षा  हो  जाती  है  l  विपरीत परिस्थितियां  हमें  वास्तविकता  का  बोध  कराती  हैं  l 
बुद्धिमान  व  समझदार  व्यक्ति   ऐसे  समय  में  हिम्मत  और  हौसला  नहीं  हारते  ,  चुनौती  समझकर  उनका  सामना  करते  हैं   और  जीवन  में  सफल  होते  हैं   l   भगवन  राम  यदि  अयोध्या  में  ही  रहते , चौदह  वर्ष  का  वनवास   संपन्न  नहीं  करते  तो  असुरों  का  नाश  कैसे  होता  l  इस  अवधि  के  संघर्ष  ने  ही  उन्हें  मर्यादा  पुरुषोतम  राम  बनाया  l 
  इसी  तरह  पांडवों  को  बारह  वर्ष  के  वनवास  और  एक  वर्ष  के  अज्ञातवास  में  अनेक  कठिनाइयों  का  सामना  करना  पड़ा  l  इसी  अवधि  में  अर्जुन  को अनेक  दिव्यास्त्र  प्राप्त  हुए  l  बलशाली  भीम  जो  गदा  युद्ध में  दक्ष  थे  उन्हें  नौकर  बनकर  खाना बनाना  पड़ा  l  सम्राट  युधिष्ठिर  को  दास  बनना  पड़ा ,  अर्जुन  को  एक  वर्ष  तक  ब्रह्न्न्ला  का  जीवन  बिताना  पड़ा  l  वे  इन  सब  से  हारे - घबराये  नहीं   और  भावी  महाभारत  युद्ध  और  राज्य  सम्हालने  की  तैयारी  कर  ली   l 
  यदि  हम  में  साहस ,  धैर्य  और  दूरदर्शिता  हो  तो  कठिनाइयाँ  हमें  बहुमूल्य  उपलव्धियों  और  वरदानो  से  भर  सकती  हैं   l