25 November 2019

WISDOM -----

    श्रीमद भगवद्गीता   में  भगवान   कहते  हैं  --- ज्ञानी  का  लक्षण  यह  है   कि  वह  जीवन  के  प्रत्येक  दुःख , प्रत्येक  कष्ट  में  दूसरों  के  नहीं  , अपने  दोष  ढूंढता  है  l   वह  सोचता  है  कि   जरूर  हमने  कोई   दोष  किया ,  कोई  भूल  हुई  हमसे  ,  जिसका  परिणाम  हम    भोग  रहे  हैं  l
  लेकिन  अज्ञानी  हमेशा  दूसरों  को  दोषी  ठहरता  है   इसलिए  वह  अपने  दोषों  से  मुक्त  नहीं  होता  है  l
        यदि  अपने  हर  दुःख , कष्ट , पीड़ा  और  हर  रोग  में   हमें  अपनी  कमियां  , अपने  दोष  समझ  में  आने  लगें    तो  हम  आगे  ऐसी  गलतियां  नहीं  करेंगे   जिनके  कारन  जीवन  दुःखमय   हो  गया  l
  जब  मन  में  यह  सत्य  गहराई  से  बैठ  गया   कि   सभी  दुःख  हमारे  अपने  ही  कारण   पैदा  हुए  हैं  ,  ऐसा  होश  आने  पर  हम  उन  कारणों   को  हटाने  लगेंगे  l   और  हमारा  मन  संस्कारित  होने  लगेगा  l