19 August 2018

WISDOM --------

  एक  बार  एक  शिष्य  द्वारा  अपने  गुरुदेव  से   यह  पूछे  जाने  पर  कि  मनुष्य  को  पुरुषार्थ  क्यों  करना  पड़ता  है   ?  भगवान  अपने  अनुदान  देकर   उन्हें  पीड़ा - कष्ट  से  बचाता  क्यों  नहीं  ?
  संत  बोले --- वत्स  !  यह  संसार   विधि  - विधानों  से  चलता  है   l  याचक , भिखारी  तो  कई  हैं,  पर  यदि  विधाता  ने   कुपात्रों  पर   व्यर्थ  का  वितरण   आरम्भ  कर  दिया  तो    कर्म    की ,  स्वावलंबन   और  आत्म  सुधार  की  कोई  आवश्यकता  ही  शेष  नहीं  रह  जाएगी   l