16 June 2022

WISDOM-------

   लघु -कथा ----  ' क्रोध  करने  वाला  शत्रुओं  से  पहले   अपने  को  ही  नुकसान  पहुंचाता  है  l  '-------  एक  साँप  को  बहुत  गुस्सा  आया  l  उसने  फन  फैलाकर  गरजना   और  फुफकारना  शुरू  किया   और  कहा ---- '  मेरे  जितने  भी  शत्रु  हैं  ,  आज  उन्हें  खाकर  ही  छोडूंगा  l  उनमे  से  एक  को  भी  जिन्दा   नहीं  रहने  दूंगा  l  '        मेढक ,  चूहे , केंचुए   और  छोटे -छोटे  जानवर   उसके  उस  गुस्से  को  देखकर  डर  गए   और  छिपकर  देखने  लगे  ,  देखें  आखिर   होता  क्या  है  ?    साँप  दिनभर  फुफकारता  रहा   और  दुश्मनों  पर  हमला  करने  के  लिए    दिन  भर    इधर -उधर   बेतहाशा  भागता  रहा   l  फुफकारते -फुफकारते  उसके  गले  में  दर्द  होने  लगा   l  शत्रु  तो  कोई  हाथ  नहीं  आया  ,  पर  कंकर - पत्थरों  की  खरोंचों  से   उसकी  सारी     देह  जख्मी   हो  गई  ,  शाम  को  थकान  से   चकनाचूर   होकर  एक  तरफ  जा  बैठा   l ----- '  अनावश्यक  आवेश   और   विशेष  व्यक्ति    को  संत्रस्त    करना  करना  अंतत:  दुःख   पहुँचाता  है  l 

WISDOM-------

   स्वर्ग  में  किसी  की  शोभा  यात्रा  निकल  रही  थी  l   किसी  ने  पूछा ----- ' इस  पालकी  में  कौन  बैठा  है   ? '  उत्तर  मिला ----- '  एक   शेर   बैठा  है  l '  प्रश्नकर्ता  ने  पूछा ---- " उसे  स्वर्ग  का  वैभव  कैसे  प्राप्त  हो  गया   ? "  उत्तर  मिला ----- " एक  रात  को  बहुत   आँधी , तूफान  व  बरसात  होने  लगी  थी   l   शेर  अपनी  गुफा  को  लौट  रहा  था  l   उसे  गंध  से  मालूम  पड़ा  कि  उसकी  अँधेरी  गुफा  में  एक  बकरी  आकर  बैठ  गई  है  l  शेर  ने  विचार  किया  कि  बकरी  अगर  मुझे  देख  लेगी   तो  भयभीत  हो  जाएगी  ,  इसलिए  वह  बाहर  ही  बैठ  गया  l  वह  रात  भर  पानी  में  भीगता  रहा   और  बकरी  को  कष्ट  न  हो  ,  इसलिए  स्वयं  कष्ट  उठाता  रहा   l  बकरी  के  प्राण  बचाने  के   पुण्य  के  फलस्वरूप   ही  उसको  स्वर्ग  मिला  है  l  "  परोपकार  कभी  व्यर्थ  व्यर्थ  नहीं  जाता  l