20 February 2022

WISDOM -----

  हमारे  धर्म  ग्रन्थ  युगों  पहले  लिखे  गए  ,  वे  केवल  इसलिए  नहीं  हैं  कि   हम  घंटी  बजा  कर  उनका  पाठ  कर  लें  ,  युग  के  अनुकूल  वे  हमें   जीवन  जीना  सिखाते  हैं  l   असुरता  तो  आदिकाल  से  ही  धरती  पर  है  ,    हमें  उस  असुरता  पर  विजय  हासिल  करनी  है   और  रामायण  का  अध्ययन - मनन  हमें  सिखाता  है  कि   यह  जंग   हम कैसे  जीतें  l    रावण , मंथरा ,  सूपर्णखा   आज  भी   इस  धरती  पर  हैं  ,  हमें   आसुरी  चाल  को  समझना  है  ,  और  सीखना  है  कि   उनके  लगातार  आक्रमण  से  कैसे  बचें   ?    असुरता  सबसे  पहले    फूट  डालती  है  ,   मंथरा   के  मन  पर   नकारात्मकता  का  आक्रमण  हुआ     जो  इतना  तीव्र  था  कि   राजा  दशरथ  के  प्राण  चले  गए  ,  परिवार  बिखर  गया   l   असुरता  आज  इसी  तरह  माइंड  गेम  खेलती  है  , परिवार  और  समाज  में    फूट   डालती  है   l   इसलिए  जरुरी  है  कि   हम  चौकन्ने  रहें , कान  के  कच्चे   न हों   l   असुरता  की  सबसे  बड़ी  चाल  यह  है  कि   वह    लोगों   के  अपनों  से  ही  उनके प्राण  लेने  का ,  उन्हें  घायल  करने  का  प्रयास  करती  है   ताकि  वे  असुर  परदे  के  पीछे  बचे  रहें  ,  उन  पर  कोई  आंच  न  आये   l   इस  बात  को  इस  प्रसंग  से  समझ  सकते  हैं  कि   जब  श्री  हनुमान जी  संजीवनी  बूटी  लेकर  आ  रहे  थे   तब   भरत   जी  ने   उन्हें   बाण  मारा  था  ,  तब  हनुमान जी  ने  भगवान  श्रीराम  का  नाम  लिया  l   इससे  यह  शिक्षा  मिलती  है   कि   हम  अपनी  पूरी  सामर्थ्य  से  कर्तव्य  का  पालन  करें  ,  उसमे  कोई  त्रुटि   न हो  ,  फिर  ईश्वर  को  पुकारें  ,  तब    दैवी  शक्तियाँ   मदद  करती  हैं  ,  संजीवनी   बूटी   जैसी  कृपा  मिलती  है   l