20 October 2021

WISDOM ------

    ऋषियों  का  कहना  है  ---- जिस  प्रकार  हजारों  गायों  के  बीच   बछड़ा  अपनी  माँ  को  पहचान  लेता  है  , उसी  प्रकार  मनुष्य  के  कर्म   उसे   ढूंढ़   ही  लेते  हैं   l   पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं ----- '  आप  चाहते  यह  हैं  कि   आपको  अच्छे  कर्मों  का  फल  मिले  ,  पर  बुरे  कर्मों  के  बारे  में  इतने  लापरवाह  क्यों   हैं  कि   हम  राम -नाम   ले   लेंगे , पंचामृत  पी   लेंगे  ,  गंगा  जी  में  डुबकी    मार   लेंगे   तो  इन   दिल्लगी - मजाकों  मात्र  से   पाप  से  छूट  जायेंगे   l   यह  मुमकिन  नहीं  है   l  जहर  खाया  है   तो  आपको  मरना  होगा   l   आपने  गलतियां  की  हैं   तो  उनका  फल   भुगतना  होगा  या  फिर  प्रायश्चित  कीजिए ,  जितनी  खाई  खोदी  है   उतनी  भरिये    l   आध्यात्मिक  क्षेत्र  की  सच्चाई    आपको  समझनी   होगी   कि   कर्मफल  एक  वास्तविकता  है   और  उसमें    भूतकाल  के  कर्मों  का   आपका  जो  डिपॉजिट   है  ,  वह  ज्यों  का  त्यों   है    l  वह  चिन्ह  पूजा  से  नहीं  मिटेगा  ,  उसका  भी  विधि - विधान   है   l   "