2 March 2023

WISDOM ------

  लघु -कथा ---- एक  सेठ जी  मनोकामना  पूर्ति  का  उदेश्य  लेकर  मंदिर  गए  l  वह  किसी  भी  कीमत  पर  भगवान  को  प्रसन्न  करना  चाहते  थे  l   अत:  अनेक  उपहार  व  धन राशि   लेकर   मंदिर  पहुंचे  l  वहां  उन्होंने  देखा   कि  एक  गरीब  व्यक्ति   भगवान  से  कह  रहा   था --- " हे  प्रभु  !  तेरा  लाख -लाख  शुक्र  है  l  तेरी  कृपा  से   मुझे  जरुरत  का   सब  मिल  जाता  है  ,  मुझ  पर  सदा   ऐसी  ही  कृपा  बनाए  रखना  l  "  सेठ जी  को  समझ  में  नहीं  आया  कि   वह  व्यक्ति  जो  भगवान  को   कुछ  भी  देने  में   असमर्थ  है  ,  वह  इतना  संतुष्ट  है    और  मैं   रोज  मंदिर  में   इतनी  भेंट  चढ़ाता  हूँ    तब  भी  इतना  दुःखी   व  परेशान  हूँ   l  वे  अपनी  जिज्ञासा  लेकर   एक  विद्वान  व्यक्ति  के  पास  पहुंचे   l  उन्होंने  सारी  बातें  सुनकर  कहा ---- " आप  भगवान  पर  अपने  सेवक  की  भांति  मनोकामना  पूर्ति  के  लिए  दबाव  डालते  हैं  ,  जबकि  भगवान  को  ख़रीदा  नहीं  जा  सकता  l  आप  जिस  विधि  से  इनसानों  को  प्रसन्न  करते  हैं  ,  उसी  तरह   ईश्वर  को  भी  प्रसन्न  करना  चाहते  हैं  l  जबकि  उस  गरीब  व्यक्ति  ने   भगवान  को  अपना  स्वामी  बनाकर   अपने  ह्रदय  में  बसा  रखा  है  l  "  भगवान  भक्ति  भावना  के  भूखे  हैं  ,  धन -संपदा  के  नहीं   l