19 March 2020

WISDOM ----- आज की सबसे बड़ी जरुरत है ---- नैतिकता के नियमों का पालन

 भौतिकता  की  अंधी  दौड़  में ,  स्वयं  को  आधुनिक  कहलाने  में  गर्व  महसूस  करने  में  मनुष्य  नैतिकता  के  नियमों  को  भूल  रहा  है  l  उनका  पालन  करने  में  यह  भ्रम  था  की  कहीं  लोग  उसे  ' पिछड़ा  हुआ ' 
Backward '  न  कहने  लगे  l हमारे  आचार्यों  ने , ऋषियों  ने    ये  जो  नियम  बनाये   उनके  पीछे  उनकी  वैज्ञानिक  दृष्टि   और  गहरी  सोच  थी  l    ईश्वर  के  लिए  तो  यह  एक  सम्पूर्ण  धरती  है  ,  उसको  विभिन्न  टुकड़ों  में  तो  मनुष्य  ने  बांटा  है   l   इसलिए  ये  नियम  किसी  एक  देश  के  लिए  नहीं  , वरन  सम्पूर्ण  संसार  के  लिए  थे   l     अब  जब  मनुष्यों  ने  नैतिकता  के  इन  नियमों  की  उपेक्षा  करने  की  अति  कर  दी   , तो  अब  प्रकृति   अपने  तरीके  से  इन  नियमों  का  पालन  करने  पर  मनुष्य  को   विवश    कर  रही  है    जैसे --- जब  भी  किसी  से  मिलो   तो   थोड़ी   दूरी    बनाकर  रहो  ,  मिलते  ही  हाथ  न   मिलाओ  और  न  गले  मिलो   l    पर - पुरुष , पर  नारी  के  साथ  एक  आसन    पर  मत  बैठो  l  भोजन  को  ईश्वर  का  प्रसाद  समझ  कर  ग्रहण  करो ,  किसी  का  झूठा  भोजन न   खाओ  और  न  झूठा  पानी  पियो  l  अश्लील  चित्र  व  अश्लील  साहित्य   मनुष्य  की  प्रतिरोधक  शक्ति  को  कम   कर  देते  हैं   इसलिए  इनसे  दूर  रहो  l  इसके  साथ  ही   सच्चाई , ईमानदारी , दया , करुणा , संवेदना  , कर्तव्यपालन  आदि  सद्गुण  भी  जरुरी  हैं  l
         स्वस्थ  रहने  के  लिए  जागरूक  होना  जरुरी  है  l   हमारे  धर्म  ग्रंथों  में  सूर्य  को  प्रत्यक्ष  देवता  कहा  गया  है  l   कोई  किसी  भी  जाति   अथवा  धर्म  का  हो   सबको  सूर्य  का  प्रकाश  समान   रूप  से  मिलता  है  l   इसलिए  आचार्य  श्री  का  कहना  है  कि  हम  सविता  देव  का  ध्यान  करें  l  यदि  हम  किसी  ऐसे  देश  में  हैं  जहाँ  सूर्य  के  दर्शन  नहीं  होते   तो  हम  मन  में  सूर्योदय  की , सूर्य  के  प्रकाश  की  कल्पना  कर  सकते  हैं  कि   यह  प्रकाश  हमारे  रोम - रोम  में  समां  रहा  है  l   इससे  हम  स्वस्थ  होंगे  रोग  को  पराजित  कर  सकेंगे  l