9 March 2023

WISDOM -----

 एक  कथा  है --- एक  बार     पार्वती जी    लक्ष्मी जी  के  यहाँ  गईं   l  उनके  स्वर्ण  महल , स्वर्ण  सिंहासन  तथा  वैभव  को  देखकर   शिवजी  से  कहने  लगीं  --- " मुझे  भी  सोने  का  महल  चाहिए   l  "  शिवजी  अपरिग्रही  हैं  , श्मशान  में  रहकर  भस्म  लगाते  हैं  , उन्होंने  पार्वती  जी  को  बहुत  समझाया    लेकिन  पार्वती  जी  नहीं  मानीं   तो  उन्होंने  विश्वकर्मा   को  बुलाकर   महल  बनाने  की  आज्ञा  दी  l  महल  बनकर  तैयार  हुआ  तो  गृह प्रवेश  के  लिए   वेदपाठी  ब्राह्मण  की  आवश्यकता  हुई  l  रावण  उनका  प्रिय  शिष्य  था  l  उससे  ही  गृह प्रवेश  कराया  गया  l  दक्षिणा  माँगने  को  कहा  गया  तो  रावण  ने  कहा ---- ' मुझे  तो  आपका   स्वर्ण  का  महल  ही  दक्षिणा  में  चाहिए  l  "   औघड़दानी  शिवजी  ने  वह  सोने  का  महल  ( लंकापुरी ) उसे  दे  दिया   और  स्वयं  फिर  कैलाश  पर्वत  पर  चले  गए  l