5 February 2023

WISDOM -----

   जीवन -यापन  के  लिए  धन  बहुत  जरुरी  है  l  सभी  लोग  किसी न  किसी  तरह  धन  कमाते  हैं  ताकि  उनका  और  उनके  परिवार  का  गुजारा  हो  सके  l  लेकिन  जो  लोग  धनवान  बनने   और  इस  क्षेत्र  में  दूसरों  से  आगे  रहने  की  दौड़  में  सम्मिलित  हो  जाते  हैं   ,  वे  अपने  लिए  तो  तनाव  को  आमंत्रित  करते  ही  हैं   , साथ  ही  सम्पूर्ण  समाज  के  लिए  कष्ट  का  कारण  बनते  हैं  l  क्योंकि  अति  का  धन  कभी  भी  ईमानदारी  और  सच्चाई  से  नहीं  आता   उसके  लिए  अनेकों  प्रकार  की  चालाकियां  और  चालबाजियाँ  करनी  पड़ती  हैं  l    इन   सबका  परिणाम  क्या  होता  है  ,  यह  ईश्वरीय  विधान   के  अनुसार  काल  निश्चित  करता  है  l  आज  संसार  में  इतनी  अशांति  इसीलिए  है  क्योंकि  हर  व्यक्ति  दौड़  रहा  है  , दूसरे  को  धक्का  देकर  आगे  निकलना  चाहता  है  l  अब  लोगों  में  धैर्य  नहीं  है  l  यह  दौड़   परिवार , समाज , राष्ट्र  और  पूरे  संसार  में  है  ,  प्रत्येक  क्षेत्र  में  है  l   अहंकार  बढ़  जाने  और  मानवीयता  न  होने  से   केवल  धक्का  ही  नहीं  है , कुचलकर  आगे  बढ़ने  वाली  स्थिति  है  l  यदि  इसे  रोकने  का  कोई  प्रयास  न  हो  तो   छोटी  सी  चिंगारी  दावानल  बन  जाती  है , विश्वयुद्ध  का  रूप  ले  लेती  है  l  इससे  नुकसान  सभी  को  है  l   सबके  जीवन  में  कष्ट  और  मृत्यु  के  कारण  भिन्न -भिन्न  होते  हैं    

WISDOM ----

  एक  दिन  कबीर   गंगा  घाट  पर  गए  हुए  थे  l  उन्होंने  एक  ब्राह्मण  को   किनारे  पर   हाथ  से  अपने  शरीर  पर  पानी  डालकर  स्नान  करते  हुए  देखा   तो  अपना  पीतल  का  लोटा   देते  हुए  कहा --- " लीजिए , इस  लोटे  से  आपको  स्नान  करने  में  सुविधा  होगी  l "  लेकिन  ब्राह्मण  ने  कबीर  को  गुस्से  में  घूरते  हुए  कहा  -- " रहने  दे  l  ब्राह्मण  जुलाहे  के  लोटे  से  स्नान  करने  से  भ्रष्ट  हो  जायेगा  l  " इस  पर  संत  कबीर  हँसते  हुए  बोले  --- " लोटा  तो  पीतल  का  है , जुलाहे  का  नहीं  l  रही  भ्रष्ट , अपवित्र  होने  की  बात  ,  तो  मिटटी  से  साफ  कर   गंगा  के  पानी  से  इसे  कई  बार  धोया  है   और  यदि  यह  अभी  भी  अपवित्र  है    तो  मेरे  भाई , दुर्भावनाओं ,  विकारों   से  भरा  मनुष्य   क्या  गंगा  में  नहाने  से  पवित्र  हो  जायेगा   ? "  कबीर  के  इस  जवाब  ने  ब्राह्मण  को  निरुत्तर  कर  दिया  l