14 February 2021

WISDOM -----

   शत्रुओं   से  घिरे    एक   नगर  की  प्रजा   अपना  माल  , असबाब  पीठ  पर  लादे  हुए  जान  बचाकर   भाग  रही   थी  l  सभी  घबराए   और  दुःखी   स्थिति  में  थे  ,  पर  उन्ही  में  से   एक  खाली   हाथ  चलने  वाला  व्यक्ति   सिर  ऊँचा  किए ,  अकड़  कर  चल  रहा  था   l   लोगों  ने  उससे  पूछा  ---- ' तेरे  पास  तो  कुछ  भी    नहीं  है  ,  इतनी  गरीबी  के  होते  हुए   फिर  अकड़  किस  बात  की  ?  "  दार्शनिक  वायस  ने  कहा ---- " मेरे  साथ  जन्म  भर  की  संगृहीत  पूंजी  है   और  उसके  आधार  पर   अगले  ही  दिनों  फिर  अच्छा  भविष्य   सामने   आ  खड़ा  होने  का   विश्वास  है   l   यह  पूंजी  है  ,  अच्छी  परिस्थितियाँ   फिर  बना   लेने  की  हिम्मत  l   इस  पूंजी  के  रहते  मुझे  दुःखी   होने   और  नीचा   सिर   करने  की  आवश्यकता   ही  क्या  है   ? "