23 August 2023

WISDOM -----

   1 . एक  व्यापारी  घोड़े  पर  नमक  और  एक  गधे  पर  रुई  की  गांठें  लादे  जा  रहा  था  l  रास्ते  में  एक  नदी  मिली  l  पानी  में  घुसते  ही  घोड़े  ने  पानी  में   डुबकी   लगाईं   तो  काफी  नमक  पानी  में  घुल  गया  l  गधे  ने  घोड़े  से  पूछा  --- यह  क्या  कर  रहे  हो  ?  घोड़े  ने  कहा --- वजन  हल्का  कर  रहा  हूँ  l  यह  सुनकर  गधे  ने  भी   दो  डुबकी  लगाईं  ,  पर  उससे  गांठें  भीगकर  इतनी  भारी  हो  गईं  कि  उसे  ढोने  में  गधे  की  जान  आफत  में  पड़  गई  l   आचार्य  जी  कहते  हैं --- कुरीतियों  और  कुप्रचलनों  की   बिना  समझे -बूझे  की  गई  नक़ल   कठिनाइयाँ  बढ़ाती  है  , सुविधा  नहीं  l '  

2 .  एक  परिवार  में  विवाह  का  अवसर  था , बहुत  मेहमान  इकट्ठे  थे  ,  बहुत  मिष्ठान -पकवान  बन  रहे  थे  ,  तब  घर  की  एक  पालतू  बिल्ली  ने  बहुत  उधम  मचाया  l  हर  चीज  में  मुँह  डाल  देती   और  जूठा  कर  देती  l  घर  की  मालकिन  ने  उसे  पकड़कर  नांद  के  नीचे  बंद  कर  दिया  l  फिर  वह  काम  में  लग  गई  l  कई  रोज  काम  में  व्यस्त  रहने  के  कारण   उसे  बिल्ली  को  निकालने  की  बात  याद  न  रही   और  वह  बिल्ली  उसी  में  दबकर  मर  गई  l  बारात  जब  लौटकर  आई  और  बहू  ने  घर  में  प्रवेश  किया  ,  उसी  समय  मालकिन  को  बिल्ली  की  याद  आई  l  उसे  निकाला  गया  , तो  मरी  मिली  l  उसे  फिंकवाया  गया  l  नई  बहू  यह  सब  देख  रही  थी  l  उसने  समझ  लिया  कि   यही  इस  घर  की  परंपरा  है  l  उसके  एक  पुत्र  हुआ  l  पुत्र  के  बड़े  होने  पर  उसका  विवाह  हुआ , बारात  गई   और  नई  बहू  आई  l  उसने  भी  बारात  जाने  से  पहले  एक  बिल्ली  नांद  के  नीचे  बंद  की  ,  वह  बिल्ली  मर  गई   और  जैसे  ही  नई  बहू  ने  घर  में  प्रवेश  किया  ,  उसने   उस  मरी  बिल्ली  को  फिंकवाया  l  जो  उसने  देखा  था  ,  उसे  कुल  परंपरा  समझा  और  उसी  का  पालन  करने  में  अपना  धर्म  और  कल्याण  समझा  l   आजकल  विभिन्न  जातियों  और  धर्मों  में  ऐसी  ही  कई  अंध  परम्पराएँ  फैली  हैं  ,  जिनकी  कोई  उपयोगिता  नहीं  है   लेकिन  बिना  विचारे   उनका  क्रम  चलता  रहता  है  ,  भेड़ों  की  तरह  सब  उनका  अंधानुकरण   करते  चले  जाते  हैं  , उसमें  अपना  समय , ऊर्जा  व  धन  बरबाद   करते  हैं  l