8 July 2024

WISDOM ----

   पं . श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं ---- ' निष्काम  कर्म  से  आप  अपने  लिए  सुन्दर  दुनिया  बना  सकते       हैं l  व्यक्ति  के  श्रेष्ठ  कर्म  ढाल  के  समान  उसकी  रक्षा  करते  हैं  l श्रेष्ठ  कर्मों  से  भगवान  भी  प्रसन्न  होते  हैं   और  उनकी  कृपा  द्रष्टि  बनी  रहती  है  l  ईश्वर  की  कृपा  हो  तो  असंभव  भी  संभव  है   l "     ---- ज्योतिर्मठ   के  शंकराचार्य  के  शिष्य  कृष्ण बोधाश्रम  120  वर्ष  जीवित  रहे  l  एक  बार  वे  प्रवास  पर  थे   l  उस  इलाके  में  लगातार  चार  साल  से  पानी  नहीं  गिरा  था  l  कुएं  तालाबों  का  पानी  सूख  गया  था  l  सभी  आए  , कहा ---- " महाराज  जी  ! उपाय  बताएं  ! "   वे  मंद -मंद  मुस्कान  के  साथ  बोले  ---- "  पुण्य  होंगे   तो  प्रसन्न  होगा  भगवान  l "  लोगों  ने  पूछा  ---- " क्या  पुण्य  करें  ? "   तो  वे  बोले  ---- " सामने  तालाब  है  , थोड़ा  ही  पानी  है   उसमें  l  मछलियाँ   इसमें  मर  रही  हैं   l  इसमें  पानी  डालो  l "  लोग  बोले  ---- " हमारे  लिए  पानी  नहीं  है  , मछलियों  को  पानी  कहाँ  से  दें  ?  "  कृष्ण  बोधाश्रम  ने  कहा ---- " कहीं  से  भी  लाओ  , कुओं  से  भर -भरकर  लाओ,  तालाब  में  डालो  l "  सभी  ने  पानी  तालाब  में  डालना  शुरू  किया  l  तीसरे  दिन  बादल  आए  l  घटाएं  भरकर  महीने  भर  बरसीं  l  सारा  दुर्भिक्ष  --पानी  का  अभाव  दूर  हो  गया  l  ' परहित  सरिस  धर्म   नहिं  भाई  l "