23 November 2022

WISDOM -----

  लघु  कथा ----  कुछ  समय  पूर्व  की  बात  है , वर्षा   ऋतु   थी  घनघोर  पानी  बरस  रहा  था  , दूर -दूर  तक  जल  ही  जल  नजर  आता  था  l  ऊपर  उड़ती  दो  बतखों  की  द्रष्टि  एक  कछुए  पर  पड़ी  , जो  एक  पेड़  की  टहनी  मुंह  से  पकड़े  स्वयं  को  बचाने  में  लगा  था  l  बतखों  को  कछुए  पर  दया  आ  गई   और  उसके  पास  जा  कर  बोलीं --- " आओ  कछुए  भाई , तुम  टहनी  पकड़े  रहो   और  हम  तुम्हे  उड़ाकर  सूखी  जमीन  तक  पहुंचा  देते  हैं  l बस , किसी  भी  स्थिति  में  अपना  मुंह  न  खोलना  l  "  कछुए  ने  बिना  सीख  को  समझे  हाँ  कर  दी  l  अब  कछुआ  टहनी  को  मुंह  से  पकड़े  हुए  था  और  दोनों  बतखों  ने  उसे  दोनों  सिरे  से  पकड़  रखा  था   और  आसमान  में  उड़ते  हुए  जा  रहे  थे  l  नीचे  जमीन  पर  खड़े  कुछ  बच्चों  ने   यह  अचरज  भरा  द्रश्य  देखा  और  कछुए  की  ओर  इशारा  कर  के  हँसने  लगे  l  बच्चों  को  अपनी  पर  हँसते  देख  कछुआ  क्रोध  से  भर  उठा   और  पलटकर  चिल्लाने  लगा  l  मुंह  खोलते  ही  टहनी  पर  उसकी  पकड़  ढीली  हो  गई   और  कछुआ  जमीन  पर  आ  गिरा  l   इस  कथा  से  यही  शिक्षा  मिलती  है  कि  अविवेक  के  कारण  व्यक्ति  असमय  मुँह  खोलता  है   जिसका  परिणाम  विनाशकारी  होता  है  l  कभी  मौन  रहकर  भी  समस्या  का  निराकरण  संभव  है  l