11 October 2024

WISDOM -----

 मानव  जीवन  सरल  नहीं  है  , समस्याओं  से  घिरा  हुआ  है  l  व्यक्ति  चाहे  अमीर  हो  या  गरीब  हो , किसी  भी  जाति  या  धर्म  का  हो  , किसी  भी  देश  का  रहने  वाला  हो  ,  सब  की  अपनी  समस्याएं  हैं  l  इन  समस्याओं  से  भागकर  चैन  नहीं  है ,  आप  इनसे   भागेंगे  तो  ये  पीछा नहीं  छोड़ेंगी  , किसी  न  किसी  रूप  में  ये  सामने  आएँगी  l  यह  कर्मों  का  भुगतान  है  जो  हमें  चुकाना  ही  पड़ता  है  l  इसलिए  हम  समस्याओं  से  भागें  नहीं  , हम  जागरूक  हों , अपनी  विवेक  बुद्धि  को  जगाएं   और '  समाधान  '  पर  ध्यान  केन्द्रित  करें   l ----- एक  बार  चीन  के  महान  दार्शनिक  कन्फ्यूशियस   अपने  कुछ  शिष्यों  के  साथ  ताई  नामक  पहाड़ी  से  कहीं  जा रहे  थे  l  एक  स्थान  पर   वे  सहसा  रुक  गए  और  शिष्यों  से  कहा  ---- " कहीं  पर  कोई  रो  रहा  है  l "  इतना  कहकर  वे  जिस  दिशा  से  रोने  की  आवाज  आ  रही  थी  उस  ओर  चल  पड़े  l  शिष्यों  ने  भी  उनका  अनुगमन  किया  l  कुछ  दूर  जाकर  उन्होंने  देखा  कि  एक  स्त्री  रो  रही  है  l  उन्होंने  बड़ी  सहानुभूति  से  उससे  रोने  का  कारण  पूछा  l  स्त्री  ने  बताया  कि   इसी  स्थान  पर  उसके  पुत्र  को  चीते  ने  मार  डाला  l  कन्फ्यूशियस  ने  कहा ----- " किन्तु  तुम  अकेली  ही  दीखती  हो  तुम्हारे  परिवार  के  अन्य  सदस्य  कहाँ  हैं  ? "   स्त्री  ने  दुःखी  होकर  कहा --- "  अब  उसके  परिवार  में  है  ही  कौन  l  इस  पहाड़ी  पर  उसके  ससुर  और  पति  को  भी  चीते  ने  फाड़  डाला    था  l "  कन्फ्यूशियस  ने  बड़े  आश्चर्य  से  कहा --- "  तो  तुम  इस  भयंकर  स्थान  को  छोड़  क्यों  नहीं  देतीं   ? "  स्त्री  बोली -- "  इस  स्थान  को  इसलिए  नहीं  छोड़ती  क्योंकि  यहाँ  पर   किसी  अत्याचारी  का  शासन  नहीं  है  l "   महात्मा  कन्फ्यूशियस  यह  सुनकर  चकित  हो  गए   l  उन्होंने  अपने  शिष्यों  से  कहा  --- "  निश्चित  रूप  से  यह  स्त्री  करुणा  और  सहानुभूति  की  पात्र  है  l  इसकी  बात  ने  हम  लोगों  को  एक  महान  सत्य  प्रदान  किया  है  l  वह  यह  है  कि  अत्याचारी  शासक  , एक  चीते  से  अधिक  भयंकर  होता  है  l  अत्याचारी  शासन  में  रहने  की  अपेक्षा  अच्छा  है  कि  किसी  पहाड़ी  अथवा  वन  में  रह  लिया  जाए  ,  किन्तु  यह  व्यवस्था  सार्वजनिक   नहीं  हो  सकती  l  इसलिए  जनता  को  चाहिए  कि  सत्ताधारी  को  अपना  सुधार  करने  के  लिए  विवश   करने  का  उपाय  करे  l  अत्याचारी  शासन  को  भय  के  कारण  सहन  करने  वाला  समाज  किसी  प्रकार  की  उन्नति  नहीं  कर  पाता  l  विकासहीन  जीवन  बिताता  हुआ   वह  युगों  तक  नारकीय  यातना  भोगा  करता  है   और  सदा  अवनति  के  गर्त  में  पड़ा  रहकर  जिस -तिस  प्रकार  का  जीवन  व्यतीत  करता  रहता  है  l  इसलिए  अनिवार्य  है  कि  जनता  जागरूक  रहे  l "