26 March 2020

WISDOM ----- आत्मविश्वास ही ईश्वर विश्वास है

  किसी  भी  समस्या  से  चाहे  वह  सामाजिक  हो , पारिवारिक  हो  या  फिर  कोई  महामारी  हो  उससे  निपटने  के  लिए  आत्मविश्वास  जरुरी  है  l   आत्मविश्वास  ही  ईश्वर  विश्वास  है   l  आत्मविश्वासी  को  हर  पल  यह  बोध  होता  है  कि   ईश्वर  उसके  साथ  है  ,  उसे  सद्बुद्धि  देते  है  कि   उसका  कोई  कदम  गलत  न  हो   l  '  जब  हम  किसी  का  बुरा  नहीं  करेंगे  तो  हमारा  भी  बुरा  नहीं  होगा  l
पं.  श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  ने  वाङ्मय  में  लिखा  है ---- ' उपासना  के  माध्यम  से  परमात्मा  के  समीप  रहने  वाले  व्यक्तियों  पर   जिन  गुणों  का  अनुग्रह  होता  है   उनमे  से  धैर्य  तथा  सहिष्णुता  मुख्य  हैं   l  संसार  में  दुःखद   घटनाएं  सदा  सम्भाव्य  मानी  गईं   हैं  ,  वे   प्राय:  सभी  के  जीवन  में  आती  हैं    तथापि   धीर  व्यक्ति   उनको  सामान्य  घटना  की  तरह  सहकर  अपनी  आत्मा  को  प्रभावित  नहीं  होने  देते  हैं  l   जीवन  और  जगत  को  ठीक  से  समझ  लेने  वाले   बुद्धिमान  व्यक्ति   किसी  भी  परिस्थिति  में   अपने  को  विचलित  नहीं  होने  देते   और  ज्वाला  के  समान   जलते  हुए   संयोगों  के  बीच  से  अप्रभावित  हुए  निकल  जाते  हैं   l 

WISDOM ----- आज संसार को महात्मा गाँधी के आदर्शों पर चलने की जरुरत है

  ' विचार  कभी  नष्ट  नहीं  होते  ,  लोग  उन्हें  मिटाने   का  कितना  ही  प्रयत्न  करें  वे  जीवित  रहते  हैं  l   महात्मा  गाँधी  ने  जो  सिद्धांत  दिए   वे  केवल  बोलकर , भाषण  देकर  नहीं  दिए  ,  उन्होंने  अपने  आचरण  से  संसार   के  सामने  उदाहरण  प्रस्तुत  किया  l   गांधीजी  की  कथनी  और  करनी  एक  थी   l 
  आज  जब  सारा  संसार  इस  वैश्विक  महामारी  की  चपेट  में  है  तो  गांधीजी  के  विचारों  पर  अमल  करने  की  जरुरत  है  l   उन्होंने  कहा  था ---- किसी  भी  जीव   को  मत  सताओ , हिंसा  न  करो ,  मांसाहार  से  दूर  रहो  l   संयमित  जीवन  जिओ  l   अपनी  आवश्यकताएं  सीमित   रखो  , सादगी  से  रहो ,  अनावश्यक  संग्रह  न  करो   l  मौन  और  ब्रह्मचर्य  से  अपनी  प्रतिरोधक  शक्ति  को  बढ़ाओ ,  अपनी  ऊर्जा  संचित  रखो  l   गांधीजी  जब  विदेश  में  भी  रहे  कभी  मांसाहार  नहीं  किया  l एक  बार  भयंकर  फ्लू  फैला  था   तब  गांधीजी  भी  उससे  संक्रमित  हो  गए  थे  तब  उन्होंने  मौन , एकांतवास ,  तरल  पदार्थों  का  सेवन  और  नियम  संयम  का  पालन  कर  के  उस  बीमारी  को  दूर  भगाया  था  l
  हम  अपनी  सोच  सकारात्मक  रखें  और  इसे  ईश्वरीय  व्यवस्था  ही  माने  कि   ये  ' कोरोना ' नवरात्रि   में  आया  l   इन  दिनों  में  लोग  स्वेच्छा  से  नियम - संयम  का  पालन  करते  हैं ,  जो  कोरोना  को  हराने   का  मुख्य  अस्त्र  है  l  लोग    रामायण  पाठ , मन्त्र जप ,  भजन - पूजन  आदि   विभिन्न  तरीके  से    ईश्वर  का  स्मरण   करते  हैं  l   इन  सबके  लिए  हमारे  पास  पर्याप्त  समय  भी  है  l   इस  संसार  में  शुरू  से  ही   असुरता  और  देवत्व   में  युद्ध  चलता  है  और  अंत  में   असुरता को  पराजित  होना  ही  पड़ता  है  l   हम  अपने  भीतर  के  देवत्व  को  विकसित  करें   अपनी  दुष्प्रवृतियों  को  नियंत्रित  कर  सन्मार्ग  पर  चलें  ,  कोरोना  का  असुर  पराजित  होकर  ही  रहेगा  l