किसी भी समस्या से चाहे वह सामाजिक हो , पारिवारिक हो या फिर कोई महामारी हो उससे निपटने के लिए आत्मविश्वास जरुरी है l आत्मविश्वास ही ईश्वर विश्वास है l आत्मविश्वासी को हर पल यह बोध होता है कि ईश्वर उसके साथ है , उसे सद्बुद्धि देते है कि उसका कोई कदम गलत न हो l ' जब हम किसी का बुरा नहीं करेंगे तो हमारा भी बुरा नहीं होगा l
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने वाङ्मय में लिखा है ---- ' उपासना के माध्यम से परमात्मा के समीप रहने वाले व्यक्तियों पर जिन गुणों का अनुग्रह होता है उनमे से धैर्य तथा सहिष्णुता मुख्य हैं l संसार में दुःखद घटनाएं सदा सम्भाव्य मानी गईं हैं , वे प्राय: सभी के जीवन में आती हैं तथापि धीर व्यक्ति उनको सामान्य घटना की तरह सहकर अपनी आत्मा को प्रभावित नहीं होने देते हैं l जीवन और जगत को ठीक से समझ लेने वाले बुद्धिमान व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में अपने को विचलित नहीं होने देते और ज्वाला के समान जलते हुए संयोगों के बीच से अप्रभावित हुए निकल जाते हैं l
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने वाङ्मय में लिखा है ---- ' उपासना के माध्यम से परमात्मा के समीप रहने वाले व्यक्तियों पर जिन गुणों का अनुग्रह होता है उनमे से धैर्य तथा सहिष्णुता मुख्य हैं l संसार में दुःखद घटनाएं सदा सम्भाव्य मानी गईं हैं , वे प्राय: सभी के जीवन में आती हैं तथापि धीर व्यक्ति उनको सामान्य घटना की तरह सहकर अपनी आत्मा को प्रभावित नहीं होने देते हैं l जीवन और जगत को ठीक से समझ लेने वाले बुद्धिमान व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में अपने को विचलित नहीं होने देते और ज्वाला के समान जलते हुए संयोगों के बीच से अप्रभावित हुए निकल जाते हैं l