8 April 2018

WISDOM ----- जीवन में सच्चाई हो तो प्रकृति रक्षा करती है

    यदा - कदा  मनुष्य  का  मोह  और   मानसिक   दुर्बलताएं   प्रवंचना  के  जाल  में   फंसा  कर   उसको  गलत  दिशा  की  ओर  प्रेरित  कर  देती  हैं   l  इस  मनोसंकट  के  समय  मनुष्य  को   सावधानीपूर्वक  विवेक  का  ही  अवलम्ब  लेकर   और  अपने  को  तटस्थ  बना  कर    परिणाम  की  महत्ता  के  प्रकाश  में   किसी  निर्णय  का  निर्धारण  करना  चाहिए    l  किंचित  कमजोरी  से  मनुष्य  का  व्यक्तिगत  मोह   ' सर्वजन  हिताय '  की  महानता   पर   आच्छादित    हो  जाता  है  l   लेकिन   जो  अपने  जीवन  में  सच्चे  होते  हैं   और  जिसका  संग  उत्तम  होता  है   उसके  डगमगाते   कदम  को  रोकने  वाले  संयोग  आ  ही  जाते  हैं   l