5 February 2024

WISDOM ------

   संत  हाशिम की  गणना   प्रसिद्ध  सूफी  फकीरों  में  होती  है  l  वे  एक  बार  बगदाद  पहुंचे  l  जब  बगदाद  के  खलीफा  हारून   को  उनके  वहां  पहुँचने  का  समाचार  मिला   तो  वे  संत  हाशिम  से  मिलने  पहुंचे  l  खलीफा  हारून  की  ख्याति  एक  पथ भ्रष्ट   और  विलासी  राजा  के  रूप  में  थी  l  संत  हाशिम  के  पास  पहुंचकर   खलीफा  हारून  उन्हें  अभिवादन  करने  के  लिए   नीचे  झुकने  लगे   तो  संत  हाशिम  ने  उन्हें  रोकते  हुए  कहा  ---- "  आप  नीचे  न  झुकें  हुजुर  ! आप  तो  बड़े  त्यागी  और  विरक्त  इनसान  हैं  l  झुकना  तो  मुझे  आपके  सामने  चाहिए  l "   खलीफा  हारून  को  लगा  कि  संत  हाशिम  ने  उन  पर  व्यंग्य  मारा  है  l  वो  थोडा  क्रोधित  होते  हुए बोले  --- "  ये  आप  कैसी  बाते  करते  हैं  ?  संत  होकर  दूसरों  की  खिल्ली  उड़ाना  आपको  शोभा  नहीं  देता  l "  संत  हाशिम  बोले ---- " नहीं !  मैं  आपका  मजाक  नहीं  उड़ा  रहा  l  सच  तो  ये  है  कि   मैंने  तो  केवल  दुनिया  के  ऐशोआराम  का  त्याग  किया  है  ,  आप  तो  अपनी  आत्मा  और  उन  परवरदिगार   को  भुलाकर  बैठे  हैं  ,  जो  सारी  दुनिया  के  रखवाले  हैं  l  तो  उसको  त्यागने  वाला   तो  दुनिया  की  सबसे  कीमती  चीज  को  त्यागने  वाला  है  l  इसलिए  आपका  त्याग    , मेरे  त्याग  से  कई  गुना  बड़ा  हुआ  l  बताइए  अब  कौन  किसके  आगे  झुके  ? "  संत  हाशिम  की  बातें  खलीफा  हारून  के   दिल  पर  चोट  कर  गईं   और  वे  सब  कुछ  छोड़कर   संत  हाशिम  के  साथ  निकल  पड़े  l