मिट्टी का एक कण , पानी की एक बूंद , हवा की एक लहर , अग्नि की एक चिनगारी और आकाश के एक स्फुलिंग --पांचों पहाड़ की चोटी पर खड़े होकर भगवान सूर्य से प्रार्थना करने लगे --" हे सविता देव ! हमें भी अपने समान प्रकाशमान और ऐश्वर्यशाली बनाओं । "
सूर्य से एक किरण चमकी और बोली --" भाइयों ! सूर्य के समान तेजस्वी बनना है तो उठो , किसी से कुछ मांगो मत , अपना जो कुछ है , वह प्राणी मात्र की सेवा में उत्सर्ग करना प्रारंभ करो ।
अमरीका के प्रसिद्ध दार्शनिक थोरों जब मृत्यु शय्या पर अंतिम सांसे गिन रहे थे , तो किसी ने उनसे पूछा -" क्या आपने ईश्वर से मित्रता कर ली है । "
थोरों ने बड़े सहज भाव से उत्तर दिया -" मेरी उससे शत्रुता ही कब थी । यदि इस संसार में सचमुच ही ईश्वर है , तो मैं उसकी मनुष्य में झांकी करता हूँ और मानवतावादी होने के नाते उसकी सेवा -सहायता में ही भगवान की भक्ति समझता हूँ । "
सूर्य से एक किरण चमकी और बोली --" भाइयों ! सूर्य के समान तेजस्वी बनना है तो उठो , किसी से कुछ मांगो मत , अपना जो कुछ है , वह प्राणी मात्र की सेवा में उत्सर्ग करना प्रारंभ करो ।
अमरीका के प्रसिद्ध दार्शनिक थोरों जब मृत्यु शय्या पर अंतिम सांसे गिन रहे थे , तो किसी ने उनसे पूछा -" क्या आपने ईश्वर से मित्रता कर ली है । "
थोरों ने बड़े सहज भाव से उत्तर दिया -" मेरी उससे शत्रुता ही कब थी । यदि इस संसार में सचमुच ही ईश्वर है , तो मैं उसकी मनुष्य में झांकी करता हूँ और मानवतावादी होने के नाते उसकी सेवा -सहायता में ही भगवान की भक्ति समझता हूँ । "
Nice ... really liked so much !
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