31 July 2025

WISDOM -----

   लघु -कथा ---- जीवन  का  रहस्य ---- देवताओं  और  असुरों  में  घोर  युद्ध  हो  रहा  था   l  राक्षसों  के  शस्त्र बल  और  युद्ध  कौशल  के  सम्मुख  देवता  टिक  नहीं  पाते  थे  l  वे  हारकर  जान  बचने भागे  और  महर्षि   दत्तात्रेय  के  पास  पहुंचे  और  उन्हें  अपनी  विपत्ति  की  गाथा  सुनाई  l  महर्षि  ने  उन्हें  धैर्य  बँधाया  और  पुन:  लड़ने  को  कहा  l  इस  बार  भी  देवता  पराजित  हो  गए   और  भागकर  महर्षि   दत्तात्रेय  के  पास  आए  l  इस  बार  असुरों  ने  भी  उनका  पीछा  किया   और  वे  भी  आश्रम  में  आ  पहुंचे  l  असुरों  ने  आश्रम  में   बैठी  हुई  एक  अति  सुन्दर  युवती  को  देखा   तो  वह  लड़ना  भूल  गए  और  उस  स्त्री  पर  मुग्ध  हो  गए   और  उसके  अपहरण  की  योजना  बनाने  लग  गए  l  वह  स्त्री  रूप  बदले  हुए  लक्ष्मीजी  थीं  ,  असुरों  का  पुइरा  ध्यान  उन्ही  पर  केन्द्रित  हो  गया  l  महर्षि  ने  देवताओं  से  कहा  --- "  अब  तुम  तैयारी  कर  असुरों  पर  आक्रमण  करो  l "  इस  बार  के  युद्ध  में  असुर  बुरी  तरह  पराजित  हुए  l  विजय  प्राप्त  कर  के  देवता  फिर  से  महर्षि  दत्तात्रेय  के  आश्रम  पहुंचे   और  उनसे  पूछा  --- "  भगवान  !  दो  बार  पराजय  और  अंतिम  बार  विजय  का  रहस्य  क्या  है  ? "  महर्षि  ने  कहा --- "  जब  तक  मनुष्य  सदाचारी  और  संयमी   रहता  है  , तब  तक  उसमें  पूर्ण  बल  विद्यमान  रहता  है   और  जब  वह  कुपथ  पर  कदम  रखता  है  , तो  उसका  आधा  बल  क्षीण  हो  जाता  है  l  पर -स्त्री  का  अपहरण  करने  की  कुचेष्टा  में  असुरों  का  आधा  बल  नष्ट  हो  गया  ,  तभी  तुम  उन  पर  विजय  प्राप्त  कर  सके  l "