3 May 2020

WISDOM ------ दरिद्र कौन ?

  एक  सूफी   कथा  है ---- एक   फकीर   ने  अपने  शिष्य  को   कुछ  धन  देते  हुए  कहा  --- " इसे  किसी  दरिद्र  व्यक्ति  को  दान  में  दे  देना  l "   गुरु  ने  गरीब  न  कहकर  दरिद्र  कहा  l 
गुरु  के  सत्संग  में  शिष्य  समझ    चुका    था  कि   गरीबी  परिस्थितियों  वश  होती    है   लेकिन   दरिद्रता   मन: स्थिति  है  l  अत:  उसने  किसी  दरिद्र  व्यक्ति  की  तलाश  करनी  शुरू  कर  दी  l
  अपनी  इस  तलाश  में  वह   एक  राजमहल  के  पास  जाकर  रुक  गया  l   वहां  कुछ  लोग  चर्चा  कर  रहे  थे   कि   राजा  ने  अपनी  इच्छाओं  को  पूरा  करने  के  लिए    प्रजा  पर   कितने   कर   लगाएं  हैं  ,  कितने  लोगों  को   लूटा   है  l  इन  बातों  को  सुनकर  उसे  लगा  कि   उसकी  तलाश  पूरी  हुई   l   दूसरे  दिन   उसने    राजा  के  दरबार  में  उपस्थित  होकर    राजा  को  अपने  सारे  रूपये  सौंप  दिए   l   एक  फकीर   के  द्वारा  इस  तरह   अचानक  रूपये  दिए  जाने  से   वह  राजा  हैरान  हुआ  l   इस  पर  उस  शिष्य  ने   अपने  गुरु  की  बात  कह  सुनाई   और  कहा ---- "  राजन  !  इच्छाएं  हों  तो   दरिद्रता  व  दुःख  बने  ही  रहेंगे  l   इसलिए  जो  इन   इच्छाओं  के  सच  को  जान  लेता  है  ,  वह  दुःख  से  नहीं  ,  अपनी  चाहतों  से  मुक्ति  खोजता  है  l "
  पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  ने  लिखा  है -----' जिसकी  इच्छाएं  जितनी  अधिक  हैं  ,  उसे  उतना  ही  दरिद्र   होना  पड़ेगा  ,  उसे  उतना  ही  याचना   और  दासता   के  चक्रव्यूह  में  फँसना   पड़ेगा   l '

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