'मनुष्य का गौरव इस बात में है कि वह नेक राह पर चले और अपने पीछे ऐसी परंपरा छोड़ जाये जिसका अनुकरण करते हुए पीछे आने वाले लोग अपना रास्ता खोज सकें | हिम्मत और बहादुरी की खरी पहचान यह है कि वह कठिनाइयों और प्रलोभनों के बीच जरा भी विचलित न हो | जिसने इनसानियत के आदर्शों को छोड़ दिया ,उसके पास बचा ही क्या ?'
छोटी सी गौरैया और बड़े गिद्ध में प्रतियोगिता तय हुई | निश्चय हुआ कि जो सबसे ऊँचे तक पहुँचेगा वही जीतेगा | गौरैया फुर्र -फुर्र करती हुई ऊपर उठने लगी तो उसे दो कीड़े दिखाई पड़े ,जो गिरते हुए नीचे आ रहे थे | उसने उन दोनों को भी साथ ले लिया और धीरे -धीरे ऊपर जाने लगी | इतनी देर में गिद्ध बहुत ऊँचा जा चुका था ,पर तभी उसे सड़ी लाश दिखाई पड़ी और वह प्रतियोगिता भूलकर लाश खाने जा बैठा |
गौरैया प्रतियोगिता जीत गई |
दूर से यह घटना देखते एक संत बोले -"ऊँचे उठे फिर न गिरे ,यही मनुज को कर्म |
औरन ले ऊपर उठे ,इससे बड़ो न धर्म | "
सत्य यही है कि ऊँचाई तक जाकर पतन होने के पीछे मनुष्य के कुकर्म ही जिम्मेदार होते हैं और जो शांति से धर्म पथ पर चलते हैं ,वे ही ऊँचाइयों को छू पाने में सफल होते हैं |
छोटी सी गौरैया और बड़े गिद्ध में प्रतियोगिता तय हुई | निश्चय हुआ कि जो सबसे ऊँचे तक पहुँचेगा वही जीतेगा | गौरैया फुर्र -फुर्र करती हुई ऊपर उठने लगी तो उसे दो कीड़े दिखाई पड़े ,जो गिरते हुए नीचे आ रहे थे | उसने उन दोनों को भी साथ ले लिया और धीरे -धीरे ऊपर जाने लगी | इतनी देर में गिद्ध बहुत ऊँचा जा चुका था ,पर तभी उसे सड़ी लाश दिखाई पड़ी और वह प्रतियोगिता भूलकर लाश खाने जा बैठा |
गौरैया प्रतियोगिता जीत गई |
दूर से यह घटना देखते एक संत बोले -"ऊँचे उठे फिर न गिरे ,यही मनुज को कर्म |
औरन ले ऊपर उठे ,इससे बड़ो न धर्म | "
सत्य यही है कि ऊँचाई तक जाकर पतन होने के पीछे मनुष्य के कुकर्म ही जिम्मेदार होते हैं और जो शांति से धर्म पथ पर चलते हैं ,वे ही ऊँचाइयों को छू पाने में सफल होते हैं |
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