16 July 2013

BRIGHT FUTURE

'द्रष्टिकोण में संयम .सहकार .संतुलन .स्नेह ,सदभाव ,श्रम ,साहस जैसे सद्गुणों का महत्व समझने और अपने स्वभाव ,व्यवहार में सज्जनता समाविष्ट हो सके ,तो समझना चाहिये कि आज गई गुजरी स्थिति होने पर भी कल इन्ही विशेषताओं के कारण उज्जवल भविष्य सुनिश्चित है | '

       कॉलेज से निकल कर सड़क पर आते ही सामने के द्रश्य ने उसे बुरी तरह झकझोर दिया | कार की टक्कर से लड़के का शरीर बुरी तरह कुचल गया था | कार का नम्बर और चालक को देखकर वह पहचान गया था कि वे उसी के प्राध्यापक महोदय हैं और इतने क्रूर कि संवेदना के दो शब्द कहने को रुके नहीं |
  दूसरे दिन विद्दालय पहुँचते ही प्राध्यापक ने उसे अपने कमरे में बुलाया और अत्यंत कुटिलता से बोले -
-"राय !कल तुम घटना के समय थे ?" उत्तर मिला -"मैं ही क्या पूरी भीड़ थी ,सर !"
"बात तुम्हारी हो रही है औरों को समझा लिया गया है ,अब कोई उलटी -पुलटी बयान बाजी न करना | "
उसने कहा -"यदि इस चेतावनी को न मानू तो ?"
प्रोफेसर फुफकारते हुए बोले -"परिणाम भुगतने के लिये तैयार रहना | "
    अदालत में प्रत्यक्ष दर्शी गवाह के रूप में राय ने आँखों देखा विवरण सुनाया और कहा कि प्रोफेसर की असावधानी से दुर्घटना हुई है | इस मामले में प्रोफेसर ने जुर्माना तो भरा परन्तु उनके मन में राय के प्रति प्रतिशोध की भावना भर गई |
उन्होंने अपने प्रभाव का उपयोग कर अन्य साथियों से मिलकर ,हमेशा सर्वप्रथम आने वाले राय को अनुतीर्ण करा दिया |

राय अब तक जान चुके थे कि यह उन्ही प्रोफेसर की कृपा है जिन्होंने अपने पक्ष में गवाही देने के लिये धमकाया था | विजय के दर्प भाव से उन्होंने राय को बुलाकर पूछा -"तुमने जानबूझ कर यह मुसीबत क्यों मोल ली ?"
विद्दार्थी राय का उत्तर था -----
  "सर !अनीति के साथ समझौता करके सफल होने की अपेक्षा नीति के लिये संघर्ष करते हुए हजार बार असफल होना मैं पसंद करूँगा | अपनी आत्मा का हनन कर यदि मैं सत्य को छुपाता तो स्वयं को कभी क्षमा न कर पाता | "आदर्श की प्रतिमूर्ति विधान चंद्र राय के सम्मुख प्रोफेसर शर्म से आँखे झुकाये सन्न रह गये |
नीतियों के लिये संघर्ष करने वाले यह विद्दार्थी -विधानचंद्र राय पश्चिम बंगाल के आदर्श मुख्यमंत्री बने |
आदर्शवादी खोता नहीं पाता ही है |

No comments:

Post a Comment