' दुर्बुद्धि दूर होगी तो दूरसंचार क्रांति, विचार क्रांति का अनोखा हथियार बनकर उभरेगी | '
बुद्धि के दो ही रूप संभव है ---1. कुटिल 2. करुण
बुद्धि यदि कुसंस्कारों से लिपटी है, स्वार्थ के मोहपाश एवं अहं के उन्माद से पीड़ित है तो उससे केवल कुटिलता ही निकलेगी , परंतु यदि बुद्धि को शुद्ध किया जा सका तो इसी कीचड़ में करुणा के फूल खिल सकते हैं |
बुद्धि अपनी अशुद्ध दशा में इनसान को शैतान बनाती है तो इसकी परम पवित्र शुद्ध दशा में इनसान बुद्ध बनता है उसमे भगवत्ता अवतरित होती है |
बुद्धि जितनी शुद्ध होती है उतनी ही उसमे संवेदना पनपती है, जीवन चेतना के पुष्प खिलते हैं, ऐसी शुद्ध बुद्धि का विश्वास कष्ट देने में नहीं, कष्ट मिटाने में होता है |
बुद्धि को यदि शुद्ध न किया गया तो परिणाम भयावह होंगे |
आज के इनसानी जीवन को तलाश है -- संवेदना की | शुद्ध बुद्धि से उपजी संवेदना, करुणा ही मनुष्यता के मुरझाये प्राणों में नवचेतना का संचार कर सकती है |
बुद्धि के दो ही रूप संभव है ---1. कुटिल 2. करुण
बुद्धि यदि कुसंस्कारों से लिपटी है, स्वार्थ के मोहपाश एवं अहं के उन्माद से पीड़ित है तो उससे केवल कुटिलता ही निकलेगी , परंतु यदि बुद्धि को शुद्ध किया जा सका तो इसी कीचड़ में करुणा के फूल खिल सकते हैं |
बुद्धि अपनी अशुद्ध दशा में इनसान को शैतान बनाती है तो इसकी परम पवित्र शुद्ध दशा में इनसान बुद्ध बनता है उसमे भगवत्ता अवतरित होती है |
बुद्धि जितनी शुद्ध होती है उतनी ही उसमे संवेदना पनपती है, जीवन चेतना के पुष्प खिलते हैं, ऐसी शुद्ध बुद्धि का विश्वास कष्ट देने में नहीं, कष्ट मिटाने में होता है |
बुद्धि को यदि शुद्ध न किया गया तो परिणाम भयावह होंगे |
आज के इनसानी जीवन को तलाश है -- संवेदना की | शुद्ध बुद्धि से उपजी संवेदना, करुणा ही मनुष्यता के मुरझाये प्राणों में नवचेतना का संचार कर सकती है |
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