' जीवन  की  सम्रद्धि  और  सफलता  साधनों  और  सुविधाओं  को  बाँटने  से  है, उन  पर  एकांगी  आधिपत्य  में  नहीं  | '
एक जमींदार ने विधवा बुढ़िया का खेत बलपूर्वक छीन लिया | बुढ़िया ने गाँव के सभी लोगों के पास इस अत्याचार से बचाने की पुकार की, पर किसी की हिम्मत जमींदार के सामने मुँह खोलने की न हुई |
दुखी बुढ़िया ने स्वयं ही साहस समेटा और यह कहने पहुंची कि खेत नहीं लौटाते तो उसमे से एक टोकरी मिट्टी खोद लेने दे, ताकि उसे कुछ तो मिलने का संतोष हो जाये |
जमींदार राजी हो गया और बुढ़िया को साथ लेकर खेत पर पहुँचा | बुढ़िया ने रोते-रोते एक बड़ी टोकरी मिट्टी से भर ली और कहा ---इसे उठवाकर मेरे सिर पर रखवा दे | टोकरी बहुत भारी हो गई थी | जमींदार ने अकड़कर कहा --" बुढ़िया ! इतनी सारी मिट्टी सिर पर रखेगी तो दबकर मर जायेगी | "
बुढ़िया ने पलटकर पूछा ---" यदि इतनी सी मिट्टी से मैं दबकर मर जाउंगी तो पूरे खेत की मिट्टी लेकर तू जीवित कैसे रहेगा ? "
जमींदार ने कुछ सोचा, उसका सिर लज्जा से झुक गया और उसने बुढ़िया का खेत लौटा दिया |
एक जमींदार ने विधवा बुढ़िया का खेत बलपूर्वक छीन लिया | बुढ़िया ने गाँव के सभी लोगों के पास इस अत्याचार से बचाने की पुकार की, पर किसी की हिम्मत जमींदार के सामने मुँह खोलने की न हुई |
दुखी बुढ़िया ने स्वयं ही साहस समेटा और यह कहने पहुंची कि खेत नहीं लौटाते तो उसमे से एक टोकरी मिट्टी खोद लेने दे, ताकि उसे कुछ तो मिलने का संतोष हो जाये |
जमींदार राजी हो गया और बुढ़िया को साथ लेकर खेत पर पहुँचा | बुढ़िया ने रोते-रोते एक बड़ी टोकरी मिट्टी से भर ली और कहा ---इसे उठवाकर मेरे सिर पर रखवा दे | टोकरी बहुत भारी हो गई थी | जमींदार ने अकड़कर कहा --" बुढ़िया ! इतनी सारी मिट्टी सिर पर रखेगी तो दबकर मर जायेगी | "
बुढ़िया ने पलटकर पूछा ---" यदि इतनी सी मिट्टी से मैं दबकर मर जाउंगी तो पूरे खेत की मिट्टी लेकर तू जीवित कैसे रहेगा ? "
जमींदार ने कुछ सोचा, उसका सिर लज्जा से झुक गया और उसने बुढ़िया का खेत लौटा दिया |
 
True words ..
ReplyDelete