14 March 2013

एक लालाजी थे ,गांव में रहते थे | हर किसी के खिलाफ मुकदमा लगाते रहते थे | कभी ब्याज के नाम पर कभी झूठे मुकदमे | जब बीमार पड़े तो गांव वालों से कहा -"अब हम मरने वाले हैं ,हमने तुम्हे बहुत कष्ट दिया | सोच रहे हैं प्रायश्चित कर लें | मरने के बाद आप सब हमारी छाती में खूंटा गाड़ देना ,यह सोचकर कि यह दुष्ट आत्मा है ,इसे शांति मिले | तभी हमारी आत्मा को शांति मिलेगी | वह मर गये | गांव वालों ने वैसा ही किया ,जैसा वे कह गये थे | तुरंत पुलिस आ गई ,बहुतों को पकड़ कर ले गई | वास्तव में मरने से पहले वे पुलिस में रिपोर्ट लिखा गये थे कि गांव के लोग हमारी छाती में खूंटा गाड़कर मारने का प्लान बना रहे हैं | मर कर भी लालाजी ने पूरे गांव को छोड़ा नहीं | दुष्ट आत्मा ऐसी ही होती हैं |

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