26 June 2013

LIFE MANAGEMENT

'जीवन एक कला है और इसे आनंद पूर्वक जीना चाहिये | आधुनिकतम सर्वेक्षण के आंकड़ों का अवलोकन करने पर यह अविश्वसनीय तथ्य प्रकट होता है कि अपने विषय के विशेषज्ञ ,विद्वान ,प्रतिभावानों का निजी जीवन विखंडित एवं विभाजित है | उन्हें अपनी सामान्य सी जिंदगी कोचलाने  के लिये नशा ,शराब जैसे मादक द्रव्यों का सहारा लेना पड़ता है |
      इसका कारण यही है कि हमने जीवन में 'अपने जीवन 'के अलावा और सभी को महत्व दिया | इसका परिणाम यह है कि सब कुछ सुधरा लेकिन 'अपना जीवन '(निजी जीवन)जो अति महत्वपूर्ण है ,अनसुलझा ,अछूता रह गया | 
       सम्रद्धि मिली ,भौतिक विकास खूब हुआ ,पर जीवन छूट गया ,संवेदना सूख गई ,आंतरिक जीवन खंडहर -सा सन्नाटा भरा खोखला सा रह गया |
   जीवन जीना एक तकनीक है ,कला है | जो इसे जानता है वही कलाकार ,प्रतिभावान है | अपनी क्षमता की पहचान ,सुंदर सुघड़ व्यक्तित्व का निर्माण एवं सामर्थ्य का सुनियोजन इसका प्रमुख सूत्र है ।
   आवश्यकता है ऐसी आधुनिक वास्तुकला की ,जो घरों को ही नहीं ,हमारे विचारो ,कल्पनाओं ,इच्छाओं भावनाओं और संवेदनाओं को तराशे जिससे ---
         देह को आकर्षक घर मिले ,
         विचारों को सुंदर मन मिले
और मन को संवेदनाओं की शीतल छाँह मिले |
इसी से आंतरिक जीवन का घरौंदा सुंदर व आकर्षक बन सकता है |
   बाहरी जीवन की सुंदरता के साथ आंतरिक सौंदर्य भी महत्वपूर्ण है

1 comment:

  1. Very nice thought your posts are too.good I'm a regular reader but I don't have any ID.pls keep posting

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