15 September 2025

WISDOM ------

   इस  संसार  में  आदिकाल से  ही  देवताओं  और  असुरों  में  संघर्ष  रहा  है  l  असुरों  का  एक  ही  लक्ष्य  होता  है  कि   वह  हर  संभव  प्रयास  करो  जिससे  लोगों  को  अधिकाधिक  शारीरिक  , मानसिक  कष्ट  हो  ,  वे   थक -हार  कर  असुरता  के  राज्य  में  सम्मिलित  हो  जाएँ  ,  उनकी  कठपुतली  बनकर  ऐसे  ही  आतंक  मचाएं  l  इसमें  एक  बात  महत्वपूर्ण  है  कि  आसुरी  शक्तियां  चाहे  वे  प्रत्यक्ष  हों   या  विशेष  तरीकों  से  अप्रत्यक्ष  शक्तियों  को  वश  में  किया  गया   हो  ,  यह  दोनों  ही  प्रकार  की  आसुरी  शक्तियों  के  कार्य  करने  का  एक  विशेष  पैटर्न  होता  है   जैसे  हम  देखते  हैं  किन्ही  परिवारों  में  आकाल  मृत्यु  होती  हैं , कई  परिवारों  में  दुर्घटना  से   कई  सदस्यों  की  मृत्यु  होती  है  ,  किसी  परिवार  में  पिछली  पीढ़ियों  से  लेकर  कई   सदस्यों  का   घातक  बीमारियों  से    अंत  होता  है  , कहीं  पीढ़ी -दर -पीढ़ी  परिवार  के  सदस्य  ही  परस्पर  धोखा , जालसाजी  , षड्यंत्र  करते  हैं  l  यही  स्थिति  संसार  में  होती  है  l  जितना  शक्तिशाली  असुर  , उतने  हो  व्यापक  क्षेत्र  में  उसका  आतंक  होता  है   जैसे  हिरण्यकश्यप , भस्मासुर   l  उनके  पास  एक  ही  तरीका  था  --हिरण्यकश्यप  कहता  था , उसे  भगवान  की  तरह  पूजो , इसी  बात  पर  वह  सबको , यहाँ  तक  कि  अपने  पुत्र  को  भी  सताता  था   l भस्मासुर  के  लिए  लोगों  को  सताना   , उसके  मनोरंजन  का  साधन  था  , सबके  सिर  पर  हाथ  रखकर  वह  उन्हें  भस्म  कर  देता  था  l  वर्तमान  में  भी  मानवता  को  उत्पीड़ित  करने  वाली  जो  भी  घटनाएँ  हो  रही  हैं   , उनका  भी  एक  ही  पैटर्न  है  l  असुरता  बहुत  शक्तिशाली  है , उसे  पराजित  करना  आसान  काम  नहीं  है  l  जब  मनुष्य  जागरूक  होगा  , अध्यात्म  से  जुड़ेगा  ,  जीवन  के  प्रति  सकारात्मक  सोच  होगी   तभी  वह  अपने  अस्तित्व  को  बचा  सकेगा  l  असुरता  तो  पूरे  संसार  पर   ,  कृषि , चिकित्सा , उद्योग , निर्माण , शिक्षा , कला -साहित्य  -------- आदि  जीवन  के  प्रत्येक  क्षेत्र  पर , यहाँ  तक  कि  मनुष्य  के  मन  पर  भी  अपना  नियंत्रण   करने  को  उतारू  है  l