लघु -कथा ----1 - एक राजा नास्तिक था l अहंकारी था , ईश्वर को नहीं मानता था l एक साधु की प्रशंसा सुनकर वह उससे मिलने गया l साधु ने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया और अपने कुत्ते पर हाथ फेरता रहा l राजा ने क्रोध में आकर कहा -- " तू बड़ा या तेरा कुत्ता ? " साधू ने उत्तर दिया ---- " यह हम और तुम दोनों से बड़ा है , जो अपने एक टुकड़ा देने वाले मालिक के दरवाजे पर पड़ा रहता है और एक तुम और हम हैं जो भगवान द्वारा सभी प्रकार का आनंद मिलने पर भी उसका नाम तक नहीं लेते l "
2 . राहगीर ने एक पत्थर मारा , आम के वृक्ष से कई पके आम गिरे l राहगीर ने उठाए और खाता हुआ वहां से चल दिया l यह द्रश्य देख रहे आसमान ने पूछा ---- " वृक्ष ! मनुष्य प्रतिदिन आते हैं और तुम्हे पत्थर मारते हैं , फिर भी तुम इन्हें फल क्यों देते हो ? " वृक्ष हँसा और बोला ---- " भाई ! मनुष्य अपने लक्ष्य से भ्रष्ट हो जाए , तो क्या हमें भी वैसा ही पागलपन करना चाहिए l "