27 December 2025

WISDOM ------

   पं . श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं ---- "  सद्विचार  और  सत्कर्मों  का  जोड़  होना  बहुत  आवश्यक  है l  विचारों की  शक्ति  जब  तक  कर्म  में  अभिव्यक्त  नहीं  होती   उसका  पूरा  लाभ  नहीं  होता   l '       वर्तमान  युग  कलियुग  इसी  लिए  है  कि  यहाँ  सद्विचार  और  सत्कर्म  का  जोड़  नहीं  है  l  लोग  बहुत   आदर्श  की  बात  करते  हैं लेकिन  उनका  वैसा  आचरण  नहीं  है  इसलिए   जनता  उनसे  प्रभावित  नहीं  होती  ,  उनकी चेतना  में  विचारों  में  कोई  परिवर्तन  नहीं  होता  l   एक  नशा  करने  वाला   अपने  साथ  सैकड़ों  नशेड़ी  जोड़  लेता  है   क्योंकि पहले  वह  स्वयं  नशा  करता  है  ,  उसके  बाद  ही  दूसरों  को  नशा करने  के  लिए  प्रेरित  करता  है  l  वह  जो कहता  है , वैसा  ही  स्वयं  भी  करता  है   इसलिए  वह  अनेकों  को  अपने  साथ  जोड़  लेता  है  l